सियोल: उत्तर कोरिया ने गुरुवार को पनडुब्बी से एक नई बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण की पुष्टि की। इस मिसाइल परीक्षण को उत्तर कोरिया ने बाहरी खतरों तथा अपनी सैन्य ताकत को बढ़ावा देने के प्रयासों की दिशा में एक ‘महत्त्वपूर्ण उपलब्धि’ करार दिया है। उत्तर कोरिया ने बुधवार को पिछले 3 साल में पहली बार पनडुब्बी से प्रक्षेपित होने वाली मिसाइल का परीक्षण किया था। यह परीक्षण इस हफ्ते के अंत में अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने से पहले किया गया है।
अमेरिका को खास संदेश देना चाहता है उत्तर कोरिया!
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अमेरिका को दिखाना चाहता है कि अगर यह वार्ता फिर से विफल रही तो क्या हो सकता है। ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ ने कहा कि पूर्वी तट के जलक्षेत्र में पुकगुकसोंग-3 मिसाइल का परीक्षण सफल रहा और ‘(उत्तर कोरिया के लिए) बाहरी खतरों को रोकने में बदलाव का एक नया दौर शुरू हुआ है और साथ ही आत्मरक्षा के लिए अपनी सैन्य ताकत को और मजबूत किया गया है।’ हालांकि एजेंसी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उसकी सुरक्षा को किन बाहरी ताकतों से खतरा है, लेकिन माना जा रहा है कि उसका इशारा अमेरिका की ही तरफ था।
तो इसलिए उत्तर कोरिया ने बनाईं परमाणु मिसाइलें?
दरअसल, पहले उत्तर कोरिया ने पहले कहा था कि अमेरिकी सेना के खतरों से निपटने के लिए उसे परमाणु अस्त्रों से लैस मिसाइल विकसित करने पर मजबूर होना पड़ा था। उत्तर कोरियाई और अमेरिकी अधिकारी, उत्तर कोरिया के परमाणु संकट को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा के लिए कूटनीतिक संबंधों की फिर से शुरुआत करने को लेकर शनिवार को मुलाकात करने वाले हैं। वियतनाम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच फरवरी में तय दूसरी शिखर वार्ता रद्द होने के बाद से कूटनीतिक संबंधों में गतिरोध बना हुआ है।
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