बीजिंग: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने इस साल की अपनी तीसरी चीन यात्रा आज संपन्न की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई अपनी ऐतिहासिक शिखर वार्ता के बाद अपने प्रमुख सहयोगी चीन के प्रति वफादारी दिखाते हुए किम ने कहा कि बीजिंग के साथ प्योंगयांग की ‘‘दोस्ती’’ निर्बाध चलने वाली है। किम ने चीन को इस बाबत फिर से आश्वस्त करने के लिए दो दिन का बीजिंग दौरा किया कि ट्रंप और उनके बीच हुई कूटनीतिक वार्ता के बावजूद उत्तर कोरिया अपने प्रमुख सहयोगी के हितों की अनदेखी नहीं करेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि चीन और अमेरिका के बीच संतुलन साधने के मकसद से किम ने बीजिंग की यात्रा की। उनका मानना है कि अपने आर्थिक एवं कूटनीतिक संरक्षक चीन से अच्छे रिश्ते बनाए रखते हुए अमेरिकी एवं चीनी हितों के बीच संतुलन साधने के लिए किम ने यह यात्रा की।
सिंगापुर में 12 जून को किम और ट्रंप के बीच हुई शिखर वार्ता में चीन मौजूद नहीं था, लेकिन उसने सिंगापुर जाने के लिए किम को एक विमान उपलब्ध कराया था। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि इस कूटनीतिक हलचल में चीन एक प्रभावशाली ताकत है। (भाषा)
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