बाइडेन पर दबाव बनाने के लिए उत्तर कोरिया ने किया 2 बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण
उत्तर कोरिया ने अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन के पदभार संभालने के बाद गुरुवार को पहली बार बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया।
सियोल: उत्तर कोरिया ने अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन के पदभार संभालने के बाद गुरुवार को पहली बार बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया। उत्तर कोरिया का यह कदम अमेरिका के साथ कूटनीति में आए गतिरोध के बीच जो बाइडेन प्रशासन पर दबाव बनाने और अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फिर से परीक्षण शुरू करने की ओर संकेत करता है। जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि यह परीक्षण ‘जापान तथा क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा’ के लिए खतरा है और तोक्यो उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर अमेरिका तथा दक्षिण कोरिया के साथ करीबी समन्वय बनाए रखेगा।
‘उत्तर कोरिया ने समुद्र में दागीं 2 मिसाइलें’
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा उत्तर कोरिया के पूर्वी तट पर सुबह करीब 7 बजकर 6 मिनट और 7 बजकर 25 मिनट पर मिसाइलें दागी गईं। मिसाइलों ने समुद्र में गिरने से पहले 450 किलोमीटर की यात्रा तय की। अमेरिका हिंद-प्रशांत कमान के प्रवक्ता कैप्टन माइक काफ्का ने कहा कि अमेरिकी सेना को मिसाइलों के बारे में जानकारी है और वह सहयोगियों के साथ करीबी परामर्श करते हुए स्थिति पर नजर रख रही है। काफ्का ने कहा, ‘यह गतिविधि दिखाती है कि उत्तर कोरिया के अवैध हथियार कार्यक्रम से उसके पड़ोसियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को खतरा है।’
बाइडेन प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
यह मिसाइलें ऐसे समय में दागी गई हैं जब एक दिन पहले अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने कहा कि उत्तर कोरिया ने इस सप्ताहांत कम दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया जिसे क्रूज मिसाइलें माना जा रहा है। उत्तर कोरिया का अमेरिका के नए प्रशासन को मिसाइल परीक्षणों के जरिए आजमाने का इतिहास रहा है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आगामी हफ्तों में उत्तर कोरिया पर अपनी नीति की समीक्षा पूरी करने से पहले बाइडेन प्रशासन इस पर क्या प्रतिक्रिया देगा। अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में गतिरोध पैदा होने के बीच उत्तर कोरिया ने यह परीक्षण किए हैं।
ट्रंप के साथ नाकाम हो गई थी बातचीत
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फरवरी 2019 में दूसरी शिखर वार्ता नाकाम होने के बाद गतिरोध पैदा हुआ। उस वार्ता में अमेरिका ने उत्तर कोरिया की उस मांग को खारिज कर दिया था जिसमें उसने अपने परमाणु कार्यक्रम को आंशिक रूप से बंद करने के बदले में उस पर लगाए प्रमुख प्रतिबंधों को हटाने के लिए कहा था। उत्तर कोरिया ने अभी तक बाइडेन प्रशासन की बातचीत की कोशिशों को नजरअंदाज किया है।
किम की बहन ने अमेरिका को दी थी चेतावनी
किम की बहन ने पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यासों को लेकर अमेरिका को धमकाया था। उन्होंने इन अभ्यासों को घुसपैठ का पूर्वाभ्यास बताया और वॉशिंगटन को चेतावनी दी कि ‘अगर वह अगले 4 साल शांति से सोना चाहता है तो गड़बड़ी पैदा करने से दूर रहे।’ दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रविवार को उत्तर कोरिया द्वारा किया गया कम दूरी की मिसाइलों का परीक्षण अप्रैल 2020 के बाद से उसका पहला मिसाइल परीक्षण है। बाइडेन ने इसे खास तवज्जो न देते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। (भाषा)