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चीन के लिए रणनीतिक बोझ बन चुका है उत्तर कोरिया

नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में वरिष्ठ निदेशक (एशिया) मैट पोटिंगर ने व्हाइट हाउस में कल संवाददाताओं से कहा, अब यह स्पष्ट तौर पर एक रणनीतिक बोझ है और यह एक ऐसा देश है, जिसके कारण क्षेत्र पर असर पड़ रहा है।

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वाशिंगटन: प्योंगयांग द्वारा जापान सागर में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के बाद व्हाइट हाउस ने कहा है कि उत्तर कोरिया अब चीन के लिए एक रणनीतिक बोझ है और वह क्षेत्र की स्थिरता को बाधित कर सकता है। ये टिप्पणियां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के बीच इस सप्ताह फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो में होने वाली बैठक से पहले आई हैं। उत्तर कोरिया इस बैठक का एक अहम मुद्दा रहने वाला है।

नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में वरिष्ठ निदेशक (एशिया) मैट पोटिंगर ने व्हाइट हाउस में कल संवाददाताओं से कहा, अब यह स्पष्ट तौर पर एक रणनीतिक बोझ है और यह एक ऐसा देश है, जिसके कारण क्षेत्र पर असर पड़ रहा है। यह एक ऐसा देश है, जिसके पास न सिर्फ इस प्रायद्वीप को बल्कि पूरे क्षेत्र को अस्थिर करने की क्षमता है। उन्होंने कहा, सहयोग के क्षेत्र की बात करें तो निश्चित तौर पर हम उत्तर कोरिया से, उनके हथियार कार्यक्रमों से, हर सप्ताह उनकी ओर से की जाने वाली उकसावे की गतिविधियों से, मिसाइल प्रक्षेपणों से पैदा होते खतरे को खत्म करने के लिए चीन को अमेरिका के साथ निकटता से मिलकर काम करते हुए देखना चाहेंगे। इनमें से एक मिसाइल प्रक्षेपण तो कुछ ही घंटे पहले हुआ है।

उन्होंने कहा, मेरे हिसाब से यह बीजिंग के हित में है। मुझे लगता है कि काफी समय पहले ही उत्तर कोरिया ने चीन के लिए रणनीतिक संपत्ति साबित होना बंद कर दिया था। संवाददाता सम्मेलन को पूर्वी एशियाई एवं प्रशांत मामलों की कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री सुसैन थोर्नटन ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के साथ बातचीत करने का समय अब निकल चुका है और अब यह समस्या बेहद आपात स्थिति का रूप ले चुकी है।

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