संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का नहीं पड़ रहा उत्तर कोरिया-चीन के रिश्तों पर कोई असर
हथियारों और मिसाइलों के लगातार परीक्षण के चलते उत्तर कोरिया लगातार संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।
हथियारों और मिसाइलों के लगातार परीक्षण के चलते उत्तर कोरिया लगातार संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। जहां एक ओर सभी देश उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगा रहे हैं वहीं दूसरी ओर सीमा पर सक्रिय रहने वाले तस्कर उसकी मदद कर रहे हैं। सीमा पर यह तस्कर चीन से बड़ी आसानी से सामान उत्तर कोरिया भेज रहे हैं। चीन ने वस्त्रों से लेकर कई तरह के सामान उत्तर कोरिया भेजा जा रहा है। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए चीन और रूस ने भी सहमति जताई थी। लेकिन इसे लागू करने पर दोनों ही देशों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। (संयुक्त राष्ट्र द्वारा उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों को लेकर चीन ने दिया यह बयान )
चीन 1,400 किलोमीटर लंबी उत्तर कोरिया से लगी अपनी सीमा का इस्तेमाल सामान पहुंचाने के लिए कर रहा है। वहीं रूस भी झंडे लगे जहाजों से उत्तर कोरिया का कोयला आवश्यकता वाली जगहों पर भेज रहा है। प्रतिबंधों के कारण चीन और उत्तर कोरिया का सरकारी मशीनरी से जुड़े व्यापार पर तो प्रभावित हुआ ही है लेकिन जमीनी व्यापार पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। सीमा पर निगरानी व्यवस्था के चलते लोग सीमा से इस पार से उस पार आ-जा रहे हैं, और साथ ही सामान की भी आवाजाही पहले की ही तरह हो रही है। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने देश के अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए नये प्रतिबंधों की आज निंदा करते हुए इसे युद्ध की तरफ ले जाने वाली कार्रवाई बताया।
सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए की खबर के अनुसार उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र के नये प्रतिबंधों को पूरी तरह से खारिज करते है। यह हमारे गणराज्य की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है और युद्ध की तरफ ले जाने वाली कार्रवाई है जिससे कोरियाई प्रायद्वीप और व्यापक क्षेत्र की शांति और स्थिरता प्रभावित होती है।’’