कोलंबो: श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए हमलों को इस्लामिक स्टेट ने नहीं कराया था। इन हमलों में 258 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि इस घटना को इस्लामिक स्टेट से ही प्रेरित इस्लामी आतंकी संगठन के आतंकियों ने ही अंजाम दिया था। आपराधिक जांच विभाग के प्रमुख रवि सेनेविरत्ने ने कहा कि 3 गिरजाघरों और 3 होटलों को निशाना बनाने वाले आत्मघाती बम हमलावरों का सीधे तौर पर इस्लामिक स्टेट से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने कहा कि हमलों की प्रेरणा भले ही उन्हें इस्लामिक स्टेट से मिली थी।
बगदादी के प्रति जताई थी निष्ठा
सेनेविरत्ने ने 21 अप्रैल को हुए हमलों में सुरक्षा और खुफिया चूकों की जांच कर रही संसदीय समिति को बताया, ‘वे इस्लामिक स्टेट की विचारधारा का अनुसरण कर रहे थे, लेकिन हमारी जांच के दौरान उनके बीच कोई संबंध नहीं दिखा।’ उन्होंने कहा कि स्थानीय समूह नेशनल तोहीद जमात (NTJ) ने हमलों के दो दिन बाद इस्लामिक स्टेट को इनकी जिम्मेदारी लेने के लिए राजी किया था। NTJ के नेता ज़ेहरान हाशिम ने अपने साथी आत्मघाती हमलावरों के साथ एक वीडियो बनाकर इस्लामिक स्टेट के तथाकथित प्रमुख अबू बक्र अल-बगदादी के प्रति निष्ठा दिखाई थी।
और नुकसान पहुंचा सकते थे
आपको बता दें कि इस्लामिक स्टेट ने 2 दिन बाद वह वीडियो जारी किया था। एक अन्य जांचकर्ता शनि अबेयस्कारा ने समिति को बुधवार को बताया कि सीआईडी को इस साल की शुरुआत में एनटीजे के ठिकाने से 105 किलोग्राम विस्फोटक मिला था। उन्होंने कहा, ‘अगर यह विस्फोटक बरामद न किया गया होता तो वे और अधिक नुकसान पहुंचा सकते थे।’ इससे पहले राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा था कि यह हमले अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करों की साजिश थी ताकि नशीली दवा विरोधी अभियान को नुकसान पहुंचाया जा सके।
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