मनीला: फिलीपीन्स की शीर्ष मेडिकल एसोसिएशन ने बृहस्पतिवार को बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से देश में नौ डॉक्टरों की मौत हो गयी है। गौरतलब है कि देश के अस्पतालों में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या क्षमता के मुकाबले बहुत ज्यादा है और डॉक्टरों के पास अपनी सुरक्षा के उपकरण नहीं हैं। डॉक्टरों की मौत की खबर फिलीपीन्स के स्वास्थ्य संकट को उजागर कर रही है, जोकि सरकारी सूचना के मुकाबले कहीं बुरी अवस्था में है। देश में अभी तक वायरस संक्रमण से 38 लोगों की मौत हुई है। मुख्य द्वीप लुजोन में करीब 5.
5 करोड़ की आबादी रहती है, और वहां पिछले दो सप्ताह से लॉकडाउन है। लेकिन डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि लॉकडाउन के बावजूद वहां संख्या में वृद्धि हो रही है। फिलीपीन मेडिकल एसोसिएशन ने बताया कि वायरस संक्रमण से नौवें डॉक्टर की मौत हुई है और स्वास्थ्यकर्मियों को समुचित सुरक्षा नहीं मिल रही है। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बेनितो एतिन्जा का कहना है, ‘‘अगर मेरा बस चलता तो सबसे पहले इलाज करने वालों की जांच की जाती, फिर सात दिन बाद उनकी जांच की जाती, क्योंकि उनसे भी संक्रमण फैल सकता है।’’ मनीला के तीन बड़े अस्पतालों ने बुधवार को कहा कि उनके पास क्षमता के मुताबिक मरीज हैं और अब वे कोरोना वायरस से संक्रमित और मरीजों को भर्ती नहीं करेंगे।
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया। इस राहत पैकेज में किसान, गरीब, महिलाओं, कर्मचारियों, श्रमिकों का विशेष ध्यान रखा गया है। इतना ही नहीं कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म करने में जुटे चिकित्सकों, नर्सों, आशा वर्कर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों का धन्यवाद करने के लिए मोदी सरकार ने विशेष घोषणा की है। ऐसे 20 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 50 लाख रुपए का जीवन बीमा देने की घोषणा की है। कोरोना वायरस की जंग के दौरान अगर किसी भी स्वास्थ्य कर्मी को क्षति पहुंचती है तो उसकी भरपाई इस बीमा राशि से की जाएगी।
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