काठमांडू. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अब खुलकर चीन की भाषा बोलने लगे हैं। सोमवार को उन्होंने भारत पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेपाल में दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तुलना में नेपाल में मृत्यु संख्या कम है। उन्होंने कहा कि भारत से आने वाले लोग बिना उचित जांच के आ रहे हैं, जिसकी वजह से नेपाल में कोविड-19 फैला है।
इससे पहले नेपाल ने पिछले बुधवार को अपना नया संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र जारी किया, जिसमें उसने लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपने क्षेत्र में शामिल किया है। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया था कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा नेपाल के हैं।
नेपाल द्वारा नया नक्शा जारी करने के बाद भारत की तरफ से भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। भारत ने बुधवार को कहा कि इस तरह से क्षेत्र में कृत्रिम विस्तार के दावे को स्वीकार नहीं किया जायेगा। भारत ने इस तरह के अनुचित मानचित्रण से पड़ोसी देश को बचने को कहा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इस तरह का एकतरफा कार्य ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित नहीं है । यह द्विपक्षीय समझ के विपरीत है जो राजनयिक वार्ता के जरिये लंबित सीमा मुद्दों को सुलझाने की बात कहता है ।’’
नेपाल में कोरोना के 72 नए मामले
नेपाल में सोमवार को कोरोना वायरस के 72 नए मामले सामने आए जिससे देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 675 हो गयी। नेपाल ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन दो जून तक के लिए बढ़ा दिया है। नेपाल उन देशों में से है जहां कोराना वायरस के मामले सबसे कम आए हैं। नेपाल में 24 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था जो दो जून तक प्रभावी रहेगा। हालांकि नेपाल ने सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 14 जून तक के लिए रद्द कर दिया है।
With inputs from Bhasha
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