काठमांडू: नेपाल में दलाई लामा का जन्मदिन मनाने का कार्यक्रम सरकार द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बाद रविवार को रद्द कर दिया गया। इसे नेपाल में पड़ोसी देश चीन के बढ़ते प्रभाव के एक और संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
नेपाल में करीब 20,000 तिब्बती शरण लिए हुए हैं, लेकिन बीजिंग के दबाव के चलते नेपाल की मौजूदा वाम सरकार शरणार्थियों की गतिविधियों पर सख्त रुख अपनाए हुए है। काठमांडू के सहायक मुख्य जिला अधिकारी कृष्ण बहादुर कटुवाल ने कहा, "अनुमति इसलिए नहीं दी गई क्योंकि वहां शांति और सुरक्षा को लेकर समस्या हो सकती है।" उन्होंने कहा, "अब कुछ नहीं हो सकता लेकिन हमें अनुचित गतिविधियों और यहां तक कि आत्मदाह की संभावना को लेकर सजग रहना होगा।"
इससे पहले, शनिवार को तिब्बती समुदाय के इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात था। इनमें एक बौद्ध मठ भी शामिल है, जहां दलाई लामा का 84वां जन्मदिन मनाया जाना था। आयोजन समिति के एक सदस्य ने कहा, "काफी तैयारी की जा चुकी थी, लेकिन आखिर में हमें अनुमति नहीं मिली। सरकार लगातार सख्त बनती जा रही है, हम क्या कर सकते हैं।" उन्होंने कहा कि परिवारों ने अपने आध्यात्मिक नेता के जन्मदिन को निजी तौर पर घर पर मनाया।
गौरतलब है कि 10 मार्च 1959 को चीनी शासन के खिलाफ विद्रोह के बाद हजारों तिब्बती शरणार्थी सीमा पार कर नेपाल में आ गए थे, जिसकी वजह से दलाई लामा को शरण मांगनी पड़ी थी।
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