काठमांडू: नेपाल सरकार ने गुरुवार को 24,000 से ज्यादा पॉर्न (अश्लील) वेबसाइटों को बंद करने के आदेश दिए। कई कार्यकर्ताओं ने इस आदेश को हास्यास्पद और अप्रभावी कदम बताकर इसकी आलोचना की। सरकार का कहना है कि यौन हिंसा को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। गौरतलब है कि जुलाई में 13 वर्षीय एक स्कूली छात्रा की बलात्कार के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में देशभर में गुस्सा फूट पड़ा था। ऐसी घटनाओं को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया।
सरकार पर दुष्कर्म और हत्या के मामले में पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगे। इस दौरान पुलिस अफसरों का एक सबूत मिटाते हुए एक वीडियो भी सामने आया। इसके बाद अगस्त में देशभर में विरोध-प्रदर्शन हुए। इनमें एक की मौत और दर्जनों घायल हुए थे।
सरकार ने एक बयान में कहा कि इंटरनेट के जरिए पॉर्न और अश्लील सामग्रियों तक आसान पहुंच ने हमारे सामाजिक मूल्यों और सामाजिक सद्भाव को प्रभावित किया है और इसने यौन हिंसा को बढ़ावा दिया है। दूरसंचार प्राधिकरण ने इंटरनेट प्रदाताओं को सूची प्रदान करते हुए इन वेबसाइटों को बंद करने के लिए कहा है।
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