लाहौर: पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करने के लिए एक ‘बड़ा विशेष मेडिकल बोर्ड’ शुक्रवार को गठित कर दिया। डॉक्टरों ने हृदय संबंधी जटिलताओं के चलते शरीफ को अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी थी। इसी के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। मेडिकल बोर्ड में अलग-अलग अस्पतालों के छह डॉक्टर शामिल हैं।
पंजाब सरकार के गृह विभाग की एक अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी लाहौर (पीआईसी) के मेडिकल बोर्ड की सिफारिशों पर नवाज शरीफ के स्वास्थ्य के आकलन के लिए एक बड़ा विशेष मेडिकल बोर्ड गठित किया गया जिसमें अलग-अलग अस्पतालों के छह वरिष्ठ डॉक्टर शामिल हैं।’’ पंजाब सरकार ने कहा कि बोर्ड गृह विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
लाहौर के अल्लामा इकबाल मेडिकल कॉलेज/ जिन्ना अस्पताल के चार सदस्यीय (द्वितीयक) विशेष मेडिकल बोर्ड ने हाल ही में जेल में शरीफ (69) की जांच के बाद सिफारिश की थी कि उनके यथोचित इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाना चाहिए। तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल की सजा काट रहे हैं। शरीफ को मंगलवार को हृदय संबंधी दिक्कतों की शिकायत के बाद जेल से एक अस्पताल ले जाया गया था। कुछ मेडिकल परीक्षणों के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी।
पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, ‘‘सरकार ने पिछले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को ध्यान में रखकर एक बड़ा विशेष मेडिकल बोर्ड बनाने का फैसला किया है। पिछले मेडिकल बोर्ड ने कहा था कि नवाज शरीफ पूरी तरह ठीक नहीं हैं और उन्हें हृदय की जटिलताओं के यथोचित इलाज के लिए जेल से अस्पताल ले जाया जाना चाहिए। ’’ इस बीच शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार को चेतावनी दी कि शरीफ की स्वास्थ्य परेशानियों की निरंतर अनदेखी के चलते यदि उन्हें कुछ होता है तो वह सड़कों पर उतरेंगे।
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