इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ISI और RAW के पूर्व प्रमुखों द्वारा लिखी गई पुस्तक की विषयवस्तु पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है। अगस्त 1990 से मार्च 1992 तक इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असद दुरानी ने भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख ए. एस. दुलत के साथ मिलकर एक किताब ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई ऐंड द इल्यूजन ऑफ पीस’ लिखी है। इस पुस्तक का बुधवार को विमोचन किया गया। शरीफ ने मांग की है कि दुरानी ने जो कुछ भी किताब में लिखा है उस पर NSC की बैठक में भी चर्चा होनी चाहिए।
इससे कुछ दिन पहले समिति ने मुंबई आतंकवादी हमले को लेकर दिए गए नवाज के बयान की निंदा करने के लिए इसी तरह की बैठक बुलाई थी। इस महीने की शुरुआत में डॉन अखबार को दिए एक इंटरव्यू में शरीफ ने कहा था, ‘आंतकवादी संगठन सक्रिय हैं। उन्हें गैर सरकारी तत्व कहिए, क्या हमें उन्हें सीमा पार जाकर मुंबई में 150 लोगों को मारे जाने की इजाजत देनी चाहिए। मुझे यह समझाइए। हम सुनवाई पूरी क्यों नहीं कर सकते?’ समिति ने बाद में उनकी टिप्पणियों की निंदा की थी जिससे नवाज खासे नराज हो गए थे। पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपदस्थ किए जाने के बाद से वह अपनी छवि को सुधारने का नए सिरे से प्रयास कर रहे हैं।
इसके अलावा सीनेट के पूर्व प्रमुख और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख नेता रजा रब्बानी ने भी दोनों दुश्मन देशों के खुफिया एजेंसी के प्रमुखों द्वारा लिखी गई इस पुस्तक की आलोचना की थी। उन्होंने कहा,‘यह बेहद चौंकाने वाला है कि एक तरफ भारत और पाकिस्तान के रिश्ते अब तक के सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुके हैं और दूसरी तरफ दोनों देशों की खुफिया एजेंसियों के पूर्व प्रमुख साथ में एक किताब लिख रहे हैं।’ रब्बानी ने कहा, ‘किसी राजनेता ने ऐसा किया होता तो उसपर देशद्रोही का ठप्पा लगा दिया गया होता।’
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