ढाका: बांग्लादेश के दौरे पर आए म्यांमार के एक मंत्री ने देश के राष्ट्रपति से कहा है कि उनका देश रोहिंग्या मुसलमानों को वापस लेने को तैयार है। म्यांमार में हिंसा के बाद रोहिंग्या वहां से जान बचाकर भाग आए थे। यह जानकारी बांग्लादेश के एक अधिकारी ने दी। हालांकि इससे पहले कहा जा रहा था कि रोहिंग्या मुसलमान वापस म्यांमार नहीं जाना चाहते। रोहिंग्या मुसलमानों ने अपनी वापसी के विरोध में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन भी किया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेशी राष्ट्रपति के प्रवक्ता जैनुल आबदीन ने शुक्रवार को कहा कि म्यांमार के गृह मंत्री क्याव स्वे ने राष्ट्रपति अब्दुल हामिद से ढाका कहा कि वह देशों के बीच पिछले साल हुए समझौते के तहत रोहिंग्या को वापस लेने को तैयार हैं। आबदीन के अनुसार मंत्री ने कहा कि म्यांमार संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान के नेतृत्व वाले एक आयोग की सिफारिशों को लागू करेगा। क्याव स्वे का शुक्रवार को अपने बांग्लादेशी समकक्ष से मुलाकात का कार्यक्रम है। इस दौरान दोनों आगे की बातचीत करेंगे।
आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त से तकरीबन 7 लाख रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश पहुंचे हैं। उस समय म्यांमार की सेना ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। इसकी काफी आलोचना हुई और इसे जातीय सफाए के समान बताया गया था। इससे पहले बांग्लादेश में शरण लिए सैकड़ों रोहिंग्या मुसलमानों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था। ये शरणार्थी म्यांमार भेजे जाने की योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। रोहिंग्या शरणार्थियों ने म्यांमार के रखाइन प्रांत लौटने से पहले नागरिकता और सुरक्षा की गारंटी की मांग की थी।
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