रंगून: म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद खूनी संघर्ष जारी है। म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद को 'म्यांमार की कार्यवाहक सरकार' के रूप में नया नाम दिया गया है। म्यांमार सेना के प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग लाइंग ने अपने को प्रधानमंत्री घोषित किया है। रविवार को एक टेलीविज़न भाषण में जनरल लाइंग ने 2023 तक चुनाव कराने का भी वादा किया। नवनिर्वाचित संसद की बैठक के एक दिन पहले एक फरवरी को स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के नेतृत्व वाली सरकार को हटाने के बाद जनरल लाइंग ने फरवरी में म्यांमार में सत्ता संभाली थी।
अपने भाषण में जनरल लाइंग ने कहा कि वह अगस्त 2023 तक चुनाव कराकर लोकतंत्र और संघवाद पर आधारित सरकार की स्थापना की गारंटी देते हैं। सैन्य सरकार और उसके विरोधियों के बीच बातचीत शुरू करने के लिए एक विशेष दूत के चयन को अंतिम रूप देने के लिए आसियान के विदेश मंत्रियों की बैठक 2 से 7 अगस्त के बीच होने वाली है। इससे पहले, अप्रैल में आसियान ने हिंसा को तत्काल रोकने और एक विशेष दूत द्वारा म्यांमार की यात्रा का सुझाव दिया था।
म्यांमार में सैन्य सरकार के खिलाफ फरवरी से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मानवाधिकार संस्था असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के अनुसार अब तक सैन्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में 940 लोग मारे गए हैं और करीब सात हजार लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
बता दें कि म्यांमार की सेना ने फरवरी में अपनी लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंका था। सैन्य तख्तापलट करते हुए यह दावा किया गया कि चुनाव धोखाधड़ी से हुआ था। म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की की पार्टी ने चुनाव जीता था। उनको गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद से अवैध रूप से वॉकी-टॉकी रेडियो रखने और कोरोना नियमों का उल्लंघन करने सहित कई अपराधों का उनपर आरोप लगाया गया।
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