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Hindi News विदेश एशिया रॉयटर्स के पत्रकारों ने म्यांमार की अदालत से कहा, प्लीज हमारे खिलाफ मामला रद्द कर दीजिए

रॉयटर्स के पत्रकारों ने म्यांमार की अदालत से कहा, प्लीज हमारे खिलाफ मामला रद्द कर दीजिए

पत्रकारों के वकील ने उनके खिलाफ दर्ज एक मामला म्यांमार की एक अदालत से रद्द करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वे लोग रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार की रिपोर्टिंग कर सिर्फ अपना काम कर रहे थे...

Reuters journalist Wa Lone | AP- India TV Hindi Reuters journalist Wa Lone | AP

यांगून: न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के 2 पत्रकारों के वकील ने उनके खिलाफ दर्ज एक मामला म्यांमार की एक अदालत से रद्द करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वे लोग रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार की रिपोर्टिंग कर सिर्फ अपना काम कर रहे थे। रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुद्दे को कवर कर रहे रॉयटर के पत्रकारों, वा लोन और क्याव सोए उ, को पिछले साल के 12 दिसंबर से हिरासत में रखा गया है। इन दोनों ही रिपोर्टरों पर औपनिवेशक काल के सरकारी गोपनीयता कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।

इस मामले पर एक जज ने सोमवार को कहा कि अदालत मुकदमा चलाने, या नहीं चलाने के विषय पर 9 जुलाई को फैसला करेगी। गौरतलब है कि रॉयटर के दोनों पत्रकारों वा लोन (32) ओर क्याव सो ओ (28) को दोषी साबित होने पर 14 साल की कैद काटनी पड़ सकती है। ये दोनों ही पत्रकार म्यांमार के नागरिक हैं जो कि रोहिंग्या अल्पसंख्यक पर की गई सैन्य कार्रवाई की रिपोर्टिंग कर रहे थे। वे पिछले साल रखाइन प्रांत में रोहिंग्या के चरमपंथियों पर सैन्य कार्रवाई किए जाने के दौरान समुदाय के 10 लोगों के नरसंहार की जांच कर रहे थे।

मुकदमे से पहले की कार्रवाई के दौरान उन्हें पिछले साल दिसंबर में हिरासत में लिया गया था। कई संगठनों द्वारा पत्रकारों पर की गई इस कार्रवाई को प्रेस की आजादी पर हमला माना जा रहा है। आपको बता दें कि म्यांमार सेना की कार्रवाई के कारण लाखों रोहिंग्या मुसलमान देश छोड़कर भाग गए थे। इन रोहिंग्या मुसलमानों ने फिलहाल बांग्लादेश में शरण ली है।

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