इस्लामाबाद: जमात-ए-इस्लामी प्रमुख सिराजुल हक ने पाकिस्तान में मंदिर निर्माण पर शरीया का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों का पैसा मंदिर निर्माण पर नही लग सकता है। अगर हिंदू पैसे जमा करके खुद मंदिर बनवाएं तो वो उनकी मर्जी है। उन्होनें कहा कि कोई वजीर अगर पैसे देना चहे तो दे सकता है लेकिन मुसलमानों का पैसा उनकी मर्जी के हिसाब से इस्तेमाल होना चाहिए।
पाकिस्तान में हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक मंदिर में तोड़फोड़ करने बाद मंदिर को आग के हवाले कर दिया गया था। एक कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी पर मंदिर में तोड़फोड़ करने का आरोप लगा है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिला में स्थित मंदिर पर एक उग्र भीड़ ने हमला कर दिया था। दशकों पुराने मंदिर की मरम्मत के लिए हिंदू समुदाय को स्थानीय अधिकारियों की ओर से इजाजत दिए जाने के बाद यह हमला किया गया था।
कट्टरपंथियों ने हाल में किए गए निर्माण को भी तोड़ दिया था। मिली जानकारी के अनुसार लोगों को मंदिर पर हमला करने और एक धार्मिक नेता की समाधि को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाया था। जमीयत उलमा-ए-इस्लाम पार्टी द्वारा किए गए इस हमले की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने कड़ी निंदा की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने क्षतिग्रस्त मंदिर के पुनर्निर्माण का आदेश दिया था।
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