लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ ने यहां की एक अदालत को सूचित किया है कि वह उनके खिलाफ चल रहे देशद्रोह के मामले में दुबई के अस्पताल से अपना बयान दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। मंगलवार को मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है। मार्च 2016 से दुबई में रह रहे मुशर्रफ लंबे समय से बीमार चल रहे हैं और उन पर देशद्रोह के आरोप लगे हैं। ये आरोप 2007 में संविधान निलंबित करने और आपातकाल घोषित करने की वजह से लगाए गए हैं।
ये दोनों ही दंडनीय अपराध हैं और उनके खिलाफ 2014 में ये आरोप तय कर दिए गए थे। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति, 76 वर्षीय मुशर्रफ इलाज के नाम पर दुबई गए थे और सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर तब से लौटे नहीं हैं। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने खबर दी कि लाहौर उच्च न्यायालय ने मुशर्रफ की तरफ से दायर एक याचिका पर सुनवाई मंगलवार को फिर से शुरू कर दी थी। इसमें मुशर्रफ ने उनके खिलाफ चल रहे देशद्रोह के मुकदमे पर तब तक रोक लगाने का अनुरोध किया है जब तक कि वह स्वस्थ न हो जाएं और अदालत के सामने पेश न हो जाएं।
अखबार में कहा गया कि मुशर्रफ जो असाधारण बीमारी के इलाज के लिए दुबई में हैं, ने अस्पताल के अपने बेड से एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया है जिसमें उन्होंने कहा कि वह मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “एक न्यायिक आयोग यहां आ सकता है और मेरा बयान दर्ज कर सकता है। उसे मेरी स्वास्थ्य स्थिति देखनी चाहिए और फिर फैसला करना चाहिए। आयोग के साथ ही मेरे वकील को उसके बाद अदालत में सुना जाना चाहिए।” मुशर्रफ लंबे समय से इस बात पर कायम हैं कि उनकी खराब सेहत और उनकी बूढ़ी मां के चलते वह पाकिस्तान लौटने में असमर्थ हैं।
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