नई दिल्ली: अफगानिस्तान में मुल्ला बरादर की अगुवाई में नई सरकार का गठन होगा। अरब न्यूज में प्रकाशित खबर के मुताबिक तालिबान सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि नई सरकार का गठन मुल्ला बरादर के नेतृत्व में होगा। सूत्रों के मुताबिक तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर महमूद अब्बास स्टेकजई इस सरकार में सीनियर पोजिशन संभालेंगे।
मुल्ला बरादर तालिबान का राजनीतिक प्रमुख है और उन 4 लोगों में से एक है, जिन्होंने 1994 में अफगानिस्तान में तालिबान का गठन किया था। काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के साथ ही तालिबान शासन के प्रमुख के तौर पर मुल्ला बरादर का नाम सबसे आगे चल रहा था। 1996 में जब अफगानिस्तान को तालिबान ने अपने कंट्रोल में लिया था उस वक्त मुल्ला बरादर को देश का उप रक्षामंत्री भी बनाया गया था।
बरादर 2001 में तालिबान के हाथ से सत्ता जाने तक इस पद पर बना रहा था। अमेरिका ने 9/11 हमलों के बाद अफगानिस्तान पर हमला कर तब की तालिबान सरकार को सत्ता से हटा दिया था। इसके बाद मुल्ला बरादर ने अफगानिस्तान में अमेरिका सेना के विरोध में संघर्ष शुरू कर दिया था। मुल्ला बरादर को 2010 में ISI ने CIA की मदद से कराची से गिरफ्तार कर लिया था। फिर, 2018 में पाकिस्तान ने उसे रिहा कर दिया था।
तालिबान के ‘सूचना एवं संस्कृति आयोग’ के वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्ला समांगनी ने इससे पहले बुधवार को कहा था “नई सरकार बनाने पर बातचीत लगभग अंतिम दौर में है और मंत्रिमंडल को लेकर भी चर्चा हुई।” उन्होंने कहा कि अगले तीन दिन में काबुल में नई सरकार बनाने के लिए समूह पूरी तरह तैयार है।
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