बीजिंग: दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई घट गई है। बता दें कि 27 मई 1975 को चीनी पर्वतारोहण टीम के 9 सदस्य दूसरी बार उत्तरी ढलान से माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे, उस समय पहली बार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848.13 मीटर मापी गई। 22 मई 2020 को चीन ने एक बार फिर माउंट एवरेस्ट की चोटी की ऊंचाई को मापने का कार्य शुरू किया। चीन के दावे के मुताबिक, सख्ती से गणना करने पर पता चला कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई अब 8844.43 मीटर निकली है।
माउंट एवरेस्ट पर 150 मिनट रही चीन की टीम
27 मई को 2020 चुमूलांगमा पर्वत (माउंट एवरेस्ट) की ऊंचाई मापने की पर्वतारोहण टीम के 8 सदस्य सफलता से माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे और माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने का कार्य पूरा किया। ऊंचाई मापने की पर्वतारोहण टीम पर्वत की चोटी पर 150 मिनट तक रही, जिसने चीनी लोगों का इस पर्वत की चोटी पर सबसे अधिक समय तक रुकने का रिकार्ड तोड़ दिया। इस टीम के प्रमुख कमांडर ली क्वोफंग ने जानकारी देते हुए कहा कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने के दौरान कई नवाचार तकनीक का प्रयोग किया गया और कुछ वैज्ञानिक लक्ष्यों को पूरा किया गया।
माउंट एवरेस्ट पर पहली बार मापा गया गुरुत्वाकर्षण
मापने की उच्च परिशुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए पहली बार पेइतोउ उपग्रह का प्रयोग किया गया। इसके साथ ही चीन में स्वनिर्मित उपकरणों के माध्यम से चोटी पर बर्फ की गहराई और गुरुत्वाकर्षण की माप की गयी। यह मानव जाति का मांउट एवरेस्ट की चोटी पर गुरुत्वाकर्षण मापने का पहला मौका है। बता दें कि 25 मई को मानव जाति के उत्तरी ढलान से माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने की 60वीं वर्षगांठ है। सन 1975 में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को सटीक रूप से मापने के बाद सार्वजनिक किए जाने से अब तक 45 साल हो चुके हैं। इस तरह मौजूदा माप गतिविधि का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक अर्थ है।
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