सिंगापुर: एक वैश्विक रैंकिंग के मुताबिक विश्व में सिंगापुर का पासपोर्ट सबसे शक्तशाली है और इस तरह एक एशियाई देश पहली बार इस सूची में शामिल हुआ है। इस सूची में पिछले साल की तुलना में तीन पायदान की छलांग के साथ भारत 75 वें स्थान पर काबिज है। वैश्विक वित्तीय सलाहकार कंपनी आर्टोन कैपिटल द्वारा ग्लोबल पासपोर्ट पावर रैंक 2017 के मुताबिक इस सूची में जर्मनी दूसरे स्थान पर और स्वीडन तथा दक्षिण कोरिया तीसरे स्थान पर है। (फिर बढ़ी भारतीयों की दिक्कतें, अमेरिका ने किया एच-1बी वीजा प्रणाली में बदलाव)
कंपनी ने बयान में कहा है कि पराग्वे ने सिंगापुर के नागरिकों के लिए वीजा की आवश्यकताएं खत्म कर दी जिसके बाद सिंगापुर पासपोर्ट सूचकांक में शीर्ष पर पहुंच गया है। इसमें बताया गया है कि ऐतिहासिक रूप से विश्व के दस सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट में अधिकांश यूरीपीय देश ही होते थे। पिछले दो साल से जर्मनी इस मामले में शीर्ष पर था। रहा है। 2017 की शुरूआत से नंबर एक की स्थिति के लिए सिंगापुर तेजी से आगे बढ़ रहा था।
सिंगापुर स्थित आर्टोन कैपिटल कार्यालय के प्रबंध निदेशक फिलिप्प मेय ने बताया, पहली बार किसी एशियाई देश के पास दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट है। यह सिंगापुर के समावेशी राजनयिक रिश्तों और प्रभावी विदेश नीति का परिचायक है। पिछले साल 78 वें पायदान पर रहने वाले भारत की रैंकिंग में इस साल सुधार हुआ है और वह 75 वें स्थान पर है। इस सूची में सबसे आखिरी पायदान पर अफगानिस्तान है। अंतिम से दूसरे पायदान पर पाकिस्तान और तीसरे पायदान पर इराक हैं।
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