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Hindi News विदेश एशिया 'अगर खान की मंशा का सही पता चल जाता तो मोसाद उन्हें मार देती'

'अगर खान की मंशा का सही पता चल जाता तो मोसाद उन्हें मार देती'

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को इजराइल मौजूदा खतरा मानता है और उसने ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को नाकाम करने का संकल्प लिया है।

Mossad would have killed Pakistani scientist AQ Khan if his intentions were read correctly: Report- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE (AP) इजराइल के एक खोजी पत्रकार ने कहा है कि अगर खान के इरादे का पता चल गया होता तो मोसाद उन्हें मार देती।

यरूशलम: इजराइल के एक खोजी पत्रकार ने कहा है कि अगर पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान के सच्चे इरादे का सही पता चल गया होता तो मोसाद के पूर्व प्रमुख शबतई शावित उन्हें मारने के लिए टीम भेज देते। हारेज अखबार में एक लेख में योस्सी मेलमैन ने लिखा कि खान ने पाकिस्तान को बम दिलाया, परमाणु संबंधी गोपनीय जानकारी चोरी की और बेची, एक संदिग्ध वैश्विक परमाणु प्रसार नेटवर्क से फायदा उठाया, ईरान के परमाणु शक्ति संपन्न होने में मदद की, लीबिया के शासक मुअम्मद कज्जाफी की रियेक्टर संबंधी आकांक्षाओं में मदद की और फिर भी प्राकृतिक तरीके से उनकी मृत्यु हुई और वह इजराइली जासूसी एजेंसी मोसाद के हाथों नहीं मारे गये। 

पाकिस्तान के परमाणु बम के जनक कहे जाने वाले खान की रविवार को संक्षिप्त बीमारी के बाद इस्लामाबाद के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी। वह 85 वर्ष के थे। ‘हाऊ पाकिस्तान्स ए क्यू खान, फादर ऑफ द ‘मुस्लिम बम’, एस्केप्ड मोसाद एसेसिनेशन’ शीर्षक वाले लेख में मेलमैन ने लिखा कि मोसाद ने पश्चिम एशिया में खान की अनेक यात्राओं का संज्ञान लिया लेकिन एक संदिग्ध प्रसार नेटवर्क बनाने के उनके प्रयासों को सही से पहचान नहीं सके। 

उन्होंने लिखा, ‘‘उस समय मोसाद प्रमुख शबतई शावित की अगुवाई में इजराइल की खुफिया सेवा ने क्षेत्र में खान की यात्राओं का संज्ञान लिया। लेकिन जैसा कि शावित ने मुझे डेढ़ दशक पहले बताया था कि मोसाद और अमान (इजराइल की सैन्य खुफिया एजेंसी) ने खान की मंशा को नहीं समझा।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘शावित ने बताया था कि अगर वह और उनके सहकर्मी खान की मंशाओं का सही-सही पता लगा लेते तो वह खान को मारने के लिए मोसाद की एक टीम भेजने के बारे में सोचते और इस तरह कम से कम इजराइल-ईरान संबंधों के परिप्रेक्ष्य में इतिहास को ही बदल देते।’’ 

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को इजराइल मौजूदा खतरा मानता है और उसने ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को नाकाम करने का संकल्प लिया है। लेखक के अनुसार, ‘‘खान को पाकिस्तान का राष्ट्रीय नायक माना जाता था जिनकी हाल में कोविड-19 की वजह से 85 साल की आयु में मृत्यु हो गयी।’’

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