कोलंबो: श्रीलंका में सांप्रदायिक तनाव अपने चरम पर है जिसके चलते सरकार एहतियातन कई कदम उठा रही है। इसी कड़ी में सरकार ने जुमे की नमाज से पहले मस्जिदों की सुरक्षा में सेना की तैनाती की। बहुसंख्यक सिंहली बौद्ध समुदाय और अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के बीच देश में बढ़ रही हिंसा की आशंका को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। सोमवार से शुरू हुए मुस्लिम विरोधी दंगे में अब तक 2 लोगों की जान चली गई है। इसके अलावा कैंडी जिले में कई घर, कारोबारी प्रतिष्ठान और मस्जिद क्षतिग्रस्त किए गए हैं। इस द्वीपीय देश में पिछले सप्ताह बहुसंख्यक सिंहली बौद्ध समुदाय के एक व्यक्ति की मौत के बाद हिंसा भड़क उठी थी।
सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना ने आपातकाल लागू कर दिया था। श्रीलंका के पहाड़ी मध्य जिले में मुस्लिम इलाकों में गुरुवार को हिंसा भड़क गई थी। देश में शुक्रवार को भी मुस्लिमों की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं क्योंकि जुमे की नमाज के बाद किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सेना हाई अलर्ट पर है। पुलिस का कहना है कि कैंडी जिले में पिछले 12 घंटों में स्थिति ज्यादातर शांतिपूर्ण रही। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिले के सभी स्कूल अभी भी बंद हैं। कैंडी में 3,000 पुलिस, 2,500 सैनिक और 750 विशेष टास्क बल तैनात हैं।
बताया जा रहा है कि गुरुवार की रात कर्फ्यू के दौरान दंगाइयों ने मुस्लिम स्थलों पर हमले करने की कोशिश की। सेना ने आगजनी रोकने के लिए तेजी से काम किया, हालांकि देश के अन्य हिस्से में पथराव की घटना हुई। पुलिस ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी को आगे की पूछताछ के लिए कोलंबो लाया गया है। मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले करीब 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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