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म्यांमार: मस्जिद के बाहर विस्फोट, सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया

आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेना ने यह अभियान चलाया था जिसकी वजह से महीने भर के भीतर 4,30,000 रोहिंग्या लोगों को शरण के लिए बांग्लादेश भागने को मजबूर होना पड़ा...

Rohingya Refugees- India TV Hindi Rohingya Refugees | AP Photo

यंगून: म्यांमार के राखिन राज्य में मस्जिद के बाहर विस्फोट के लिए देश के सेना के प्रमुख ने शनिवार को आरोप लगाया कि यह रोहिंग्या लोगों का किया है जबकि एक मानवाधिकार समूह ने आरोप लगाया है कि शरणार्थियों को वापस लौटने से रोकने के लिए सेना ने क्षेत्र में गोलीबारी शुरू कर दी है। इस घटना के बाद से हिंसा से जूझ रहे इलाके में हालात और बिगड़ गए हैं। कुछ ही दिन पहले म्यांमार की असैन्य नेता आंग सान सू ची ने घोषणा की थी कि सैनिकों ने सीमांत इलाकों में सैन्य अभियान बंद कर दिया है। 

गौरतलब है कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेना ने यह अभियान चलाया था जिसकी वजह से महीने भर के भीतर 4,30,000 रोहिंग्या लोगों को शरण के लिए बांग्लादेश भागने को मजबूर होना पड़ा। सेना का दावा है कि वह रोहिंग्या आतंकियों को निशाना बना रही है जिन्होंने बीते 25 अगस्त को पुलिस चौकियों पर हमला किया था। लेकिन उसके बर्बर अभियान को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र को यह कहना पड़ा था कि यह रोहिंग्या मुस्लिमों के नस्ली सफाया के बराबर है। शनिवार को म्यांमार के कमांडर इन चीफ मिन आंग हलैंग ने फेसबुक पर एक वक्तव्य पोस्ट किया है जिसमें कहा गया है कि रोहिंग्या आतंकियों ने शुक्रवार को उत्तरी राखिन में स्थित बूथीदांग शहर में देसी बारूदी सुरंग लगाई थी जो एक मस्जिद और मदरसे के बीच फट गई।

सेना प्रमुख ने आरोप लगाया कि आतंकियों ने मी चांग जे में अब भी मौजूद बड़ी संख्या में ग्रामीणों को वहां से भगाने की कोशिश की। विश्लेषकों का कहना है कि इस बयान का कोई मतलब नहीं है क्योंकि इस समूह की शक्ति वहां रहने वाले रोहिंग्या समुदाय पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण अपने घर नहीं छोड़ना चाहते हैं, इसलिए उन्हें डराने के लिए आतंकियों ने इबादत के समय बम में विस्फोट किया।’ विस्फोट में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

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