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Hindi News विदेश एशिया जब अपने ही नागरिकों पर बरसा था चीनी सेना का कहर, मारे गए थे ‘10 हजार’ से ज्यादा लोग!

जब अपने ही नागरिकों पर बरसा था चीनी सेना का कहर, मारे गए थे ‘10 हजार’ से ज्यादा लोग!

'बीजिंग के त्यानआनमेन चौक पर जून 1989 में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर चीनी सेना की कार्रवाई में कम से कम 10,000 असैन्य नागरिक मारे गए थे...'

Tiananmen crackdown | AP Photo- India TV Hindi Tiananmen crackdown | AP Photo

बीजिंग: ब्रिटिश पुरालेख के मुताबिक बीजिंग के त्यानआनमेन चौक पर जून 1989 में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर चीनी सेना की कार्रवाई में कम से कम 10,000 असैन्य नागरिक मारे गए थे। ताजा जारी किए गए एक ब्रिटिश खुफिया राजनयिक दस्तावेज में नरसंहार के ब्यौरे दिए गए हैं। चीन में तत्कालीन ब्रिटिश राजदूत एलन डोनाल्ड ने लंदन भेजे गए एक टेलीग्राम में कहा था, ‘कम से कम 10,000 आम नागरिक मारे गए।’ लोकतंत्र समर्थक चीनी नागरिकों का प्रदर्शन सेना के आने से पहले लगभग 7 हफ्तों तक चला था।

घटना के 28 साल से भी ज्यादा समय बाद यह दस्तावेज सार्वजनिक किया गया। यह दस्तावेज ब्रिटेन के नेशनल आर्काइव्ज में पाया गया। नरसंहार के एक दिन बाद 5 जून 1989 को बताई गई संख्या उस समय आम तौर पर बताई गई संख्या से करीब 10 गुना ज्यादा है। चीनी इतिहास, भाषा एवं संस्कृति के एक फ्रांसीसी विशेषज्ञ ज्यां पीए काबेस्तन ने कहा कि ब्रिटिश आंकड़ा भरोसेमंद है और हाल में सार्वजनिक किए गए अमेरिकी दस्तावेजों में भी ऐसा ही आकलन किया गया।

Tiananmen crackdown | AP Photo

हांगकांग बैपटिस्ट यूनिवसिर्टी के प्रोफेसर काबेस्तन ने कहा, ‘दो स्वतंत्र सूत्र हैं जो एक ही बात कह रहे हैं।’ जून, 1989 के अंत में चीनी सरकार ने कहा था कि ‘क्रांति विरोधी दंगों’ के दमन में 200 असैन्य मारे गए और दर्जनों पुलिस एवं सेना कर्मी घायल हो गए। नरसंहार के करीब 3 दशक बाद कम्युनिस्ट सरकार इस विषय पर किसी भी तरह के बहस, उल्लेख वगैरह की मंजूरी नहीं देती। पाठ्यपुस्तकों एवं मीडिया में घटना के उल्लेख की मंजूरी नहीं है और इंटरनेट पर इससे जुड़ी सूचना प्रतिबंधित है।

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