इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ जून महीने में कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में होने जा रही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर बैठक से इतर मुलाकात कर सकते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में यह कहा गया है।
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समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि एससीओ के प्रभावशाली देश पाकिस्तान और भारत के बातचीत की प्रक्रिया में फिर साथ आने पर जोर दे रहे हैं ताकि अगली शिखर बैठक अनुकूल माहौल में हो सके।
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खबर में कहा गया है कि दोनों देशों को एससीओ में इस शर्त पर शामिल किया गया है कि वे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के साथ संगठन के हित को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे। अखबार के अनुसार यही एक मुख्य वजह थी कि 2015 के एससीओ शिखर बैठक से इतर मोदी और शरीफ रूस के उफा शहर में मिले थे।
अस्ताना में दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह बहुत हद तक संभव है। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान नहीं चाहता है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा के मुद्दे की वजह से भारत के साथ संपूर्ण द्विपक्षीय संवाद प्रक्रिया कमजोर हो।
एससीओ शिखर बैठक के लिए दोनों नेता अस्ताना में मौजूद होंगे। भारत और पाकिस्तान को एससीओ में औपचारिक रूप से पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। इस समूह में रूस, चीन और मध्य एशियाई देश शामिल हैं।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले पाकिस्तान ने भारत के पूर्व नेवी अफसर कुलभूषण जाधव को रॉ का जासूस बताते हुए गिरफ्तार किया बाद में वहां की मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को फांसी की सजा सुना दी। भारत ने इस पर सख्त रुख अपनाया। सुषमा स्वराज ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो ये सोची समझी हत्या होगी और इसके नतीजे गंभीर होंगे।
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