कराची: पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत में ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू पशु चिकित्सक को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। डॉक्टर के खिलाफ एक मौलवी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस घटना के बाद इलाके में काफी बवाल हुआ और हिंसा की खबरें भी आई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौलवी की शिकायत के बाद डॉक्टर रमेश कुमार को हिरासत में ले लिया गया है। पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के तहत जुर्माने से लेकर मौत की सजा तक का प्रावधान है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंध के मीरपुरखास में फुलाडयन नगर में आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने हिंदुओं की दुकानों में आग लगा दी और टायरों को जलाकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। स्थानीय मस्जिद के मौलवी इशाक नोहरी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि डॉक्टर ने पवित्र पुस्तक के पन्ने फाड़कर उसमें उन्हें दवा लपेटकर दी थी। स्थानीय थाने के प्रभारी जाहिद हुसैन लेगहारी ने बताया कि डॉक्टर के खिलाफ एक मामला दर्ज कर लिया गया। हालांकि इस मामले में अभी तक कोई सबूत उपलब्ध नहीं करवाया गया है।
पुलिस ने साथ ही कहा है कि जिन लोगों ने इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ की है उनपर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि कराची और सिंध प्रांत में बड़ी संख्या में हिंदू रहते हैं और पाकिस्तान हिंदू परिषद ने पूर्व में शिकायत की थी कि निजी रंजिश में ईशनिंदा कानून के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाया जाता है। कई ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं जब हिंदुओं और ईसाइयों को आपसी रंजिश के तहत ईशनिंदा के मामलों में फंसाया गया है।
एक फेसबुक यूजर साइमा जाफरी ने इस घटना के बारे में फेसबुक पोस्ट लिखते हुए सरकार से हिंदू सिंधियों की सुरक्षा करने की गुहार लगाई। साइमा ने लिखा कि हिंदू सिंधी इलाके में सदियों से शांति से रहते आए हैं। उन्होंने लिखा कि दंगे और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए। साइमा ने कहा कि इस सारी चीजों के लिए कानून है ऐसे में किसी की जान लेने के बारे में सोचा भी कैसे जा सकता है, खासकर यौम-ए-अली के समय।
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