इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अमेरिका में इस वक्त एक भी दिन ऐसा नहीं बिता रहे हैं जब वह 'कश्मीर में मानवाधिकारों और लोगों को होने वाली तकलीफों' का रोना न रोते हों। जबकि, सच्चाई यह है कि खुद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में लोग भूकंप के बाद कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इमरान की सरकार इन लोगों के लिए जरूरी दवाओं तक का इंतजाम करने में नाकाम रही है।
पाकिस्तानी अखबार 'एक्सप्रेस न्यूज' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पीओके के भूंकपग्रस्त इलाकों में ऑफ्टरशॉक का आना जारी है जिससे लोगों में दहशत बनी हुई है। लोग घरों और अस्पतालों के अंदर रहने के बजाए बाहर खुले में समय काट रहे हैं। इलाके में दवाओं की कमी बनी हुई है। साथ ही लोगों को पीने का पानी मिलने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य मामलों के सलाहकार जफर मिर्जा ने बताया कि भूकंप प्रभावित लोगों के लिए दवा और सर्जिकल सामान उपलब्ध करा दिए गए हैं। इन्हें पीओके के मीरपुर भेजने के लिए आदेश दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि तीस लाख से अधिक दवाएं और सर्जिकल सामान भेजे जा रहे हैं।
24 सितम्बर को आए भूकंप से पाकिस्तान का पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और पीओके दहल उठे थे। सर्वाधिक तबाही पीओके में हुई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने बताया है कि भूकंप के कारण कुल 39 लोग मारे गए हैं जबकि 646 लोग घायल हुए हैं। अकेले पीओके के मीरपुर में 32 लोग मारे गए हैं।
एनडीएमए ने बताया कि प्रभावित परिवारों में से प्रत्येक को 21 किलो राशन दिया गया है। पानी की पचास हजार बोतलें और 200 टेंट भी बांटे गए हैं। जातलान से मंगला जाने वाली सड़क की मरम्मत का काम शुरू हो गया है।
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