इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि जमीयत-ए-उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान पर संगीन देशद्रोह के आरोप में मुकदमा चलना चाहिए। बता दें कि फजलुर रहमान को ‘मौलाना डीजल’ के नाम से भी जाना जाता है। इमरान ने कहा कि मौलाना फजल पर संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत संगीत देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए 'क्योंकि उन्होंने खुद ही हाल में इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने सरकार को गिराने की साजिश रची थी।'
अक्टूबर में इमरान सरकार पर बोला था हमला
बता दें कि मौलान फजल ने बीते साल अक्टूबर में इमरान सरकार को सत्ता से हटाने की मांग के साथ देश में 'आजादी मार्च' निकाला था और इस्लामाबाद में लंबा धरना दिया था। मौलाना के इस कदम से इमरान खान की सरकार संकट में फंस गई थी। हाल ही में उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने अपना आंदोलन ‘इस आश्वासन पर वापस लिया था कि इमरान सरकार को हटाया जाएगा और देश में नए सिरे से निष्पक्ष चुनाव होंगे।’ मौलाना ने यह नहीं बताया कि उन्हें यह आश्वासन किसने दिया था।
‘मैं राजनीति में पैसे बनाने नहीं आया हूं’
इमरान ने कहा, ‘मौलाना फजल के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत मुकदमा चलना चाहिए। उन्होंने जो बयान दिया है, उसकी जांच की जानी चाहिए। उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि उन्हें आश्वासन किसने दिया था।’ इमरान ने राजनेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं न तो भ्रष्ट हूं और न राजनीति में पैसे बनाने आया हूं। जिन लोगों ने देश को लूटा है, वे सेना से डरते हैं। सैन्य एजेंसियां अच्छे से जानती हैं कि कौन क्या कर रहा है।’ इमरान ने देश में बेतहाशा महंगाई, खाने-पीने की चीजों की कमी और भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में एक कार्टेल है जो चीजों के दाम तय कर रहा है।
इमरान के नजदीकियों पर हैं जमाखोरी के आरोप
इमरान की पार्टी के कुछ नजदीकियों पर भी जमाखोरी के आरोप लगे हैं। इस संदर्भ में यह पूछे जाने पर कि इन कार्टेल को चला कौन रहा है और क्या इसमें उनके कुछ करीबी भी शामिल हैं, इमरान ने कहा कि गेहूं की कमी की जांच रिपोर्ट में जहांगीर तरीन और खुसरो बख्तियार का नाम नहीं आया है।
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