नई दिल्ली। म्यामांर में सेना के तख्तापलट के बाद सेना के विरोध में पूरे देश में हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला बना हुआ है और सेना की तरफ से भी सख्ती बरती जा रही है। रविवार को सेना की तरफ से ज्यादा हिंसा वाले शहरों में मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है। पहली फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद रविवार का दिन म्यांमार में सबसे ज्यादा दुखद रहा, आरोप है कि प्रदर्शनकारियों पर सेना की गोलीबारी में 38 लोगों की मौत हो गई है। तख्तापलट के बाद म्यांमार में हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं।
म्यांमार में तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के संगठन असिस्टेंट एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (AAPP) के अनुसार रविवार को सेना की तरफ से हुई गोलीबारी में 38 लोगों की जान चली गई है। 22 लोगों की मौत उस जगह पर होने की खबर है जहां पर चीन के पैसे से चलने वाली फैक्ट्री में आग लगाई गई है जबकि 16 लोगों की मौत दूसरी जगह पर हुई है।
AAPP के अनुसार पहली फरवरी से हुए तख्तापलट के बाद अबतक म्यांमार में 2156 लोगों को बंदी बनाया जा चुका है जिनमें 1837 लोग अभी भी जेल में हैं।
म्यांमार में पहली फरवरी को सेना ने तख्तापलट कर दिया था और आंग सान सू की सहित सभी बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया था। तख्तापलट को लेकर म्यांमार की जनता में भारी आक्रोश है और वहां की जनता इसका विरोध कर रही है। म्यांमार में कई दिनों से अलग अलग शहरों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और सेना भी प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला रही है। सेना हर उस व्यक्ति के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है जो किसी भी मंच पर तख्तापलट के खिलाफ आवाज उठा रहा है।
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