इस्लामाबाद: कभी जोर-शोर से शुरू हुए चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर का काम बीते कुछ समय से पैसों की कमी के चलते लटक गया है। हालात इतने खराब बताए जा रहे हैं कि कई परियोजनाओं पर तो काम ही रोक दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHA) पर छाए वित्तीय संकट के चलते 52 अरब डॉलर (लगभग 6.67 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये) के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के कई रोड प्रॉजेक्ट्स मुश्किल में पड़ गए हैं।
ठेकेदारों को दिए गए चेक हुए बाउंस
पाकिस्तानी मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई परियोजनाओं पर काम जारी रखने के लिए ठेकेदारों को जो चेक दिए गए थे, वे बाउंस हो गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ दिनों पहले 5 अरब रुपये के इन चेकों के बाउंस होने के बाद ठेकेदारों ने कई CPEC परियोजनाओं का काम बंद कर दिया है। पैसों की कमी से प्रभावित परियोजनाओं में CPEC का हक्ला-डेरा इस्माइल खान वेस्टर्न रूट और कराची-लाहौर मोटरवे शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा हालात में न सिर्फ CPEC के प्रोजेक्ट बल्कि कंस्ट्रक्शन से जुड़ी लोकल इंडस्ट्री के साथ-साथ बड़ी संख्या में इंजीनियर और मजदूर भी प्रभावित हुए हैं।
NHA ने दिया यह बयान
सरकार से संपर्क करने पर NHA के प्रवक्ता काशिफ जमान ने कहा कि अथॉरिटी ने कंपनियों को 5 अरब रुपये का चेक 29 जून को जारी किया था। उन्होंने कहा कि 1.5 अरब रुपये के चेक का भुगतान उसी दिन हो गया और 'बाकी चेक दूसरे दिन जमा किए गए जिनका भुगतान नहीं हो पाया।' उन्होंने कहा कि मामले को सरकार के समक्ष रखा गया है और जल्द ही इसका समाधान हो जाएगा। आपको बता दें कि भारत शुरू से ही CPEC का विरोध करता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है।
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