माले: मालदीव ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले पर बुधवार को भारत का समर्थन किया। इस मसले पर पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए मुस्लिम बहुल देश मालदीव ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र को अपने कानूनों में आवश्यकता के मुताबिक संशोधन करने का अधिकार है। आपको बता दें कि इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात ने भी भारत के फैसले का समर्थन करते हुए उसे एक आंतरिक मामला बताया था।
मालदीव सरकार ने कहा, ‘मालदीव भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को लेकर भारत सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को एक आंतरिक मामला मानता है।’ मालदीव सरकार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘हम मानते हैं कि प्रत्येक संप्रभु राष्ट्र का अपने कानूनों में आवश्यकतानुसार संशोधन करने का अधिकार है।’ गौरतलब है कि मालदीव में नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत के साथ उसके रिश्ते बेहतर हुए हैं। बीच में मालदीव का झुकाव चीन की तरफ हो गया था, लेकिन बीते कुछ महीनों में उसका समर्थन भारत को मिलता रहा है।
मालदीव से पहले संयुक्त अरब अमीरात ने भी जम्मू एवं कश्मीर पर भारत के फैसले को एक आंतरिक मामला बताया था। पाकिस्तान को इन दोनों मुस्लिम बहुल देशों से करारा झटका लगा है क्योंकि उसे उम्मीद रही होगी कि यदि ये देश उसके साथ न भी आए तो कम से कम भारत का समर्थन तो नहीं ही करेंगे। गौरतलब है कि भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया।
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