नई दिल्ली: मलेशिया में भागा फिर रहा विवादित मुस्लिम धर्मगुरू जाकिर नाईक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नस्लीय टिप्पणी को लेकर जाकिर नाइक से मलेशियाई प्रशासन पूछताछ कर सकता है। जाकिर नाइक पर मलेशिया में नस्लीय टिप्पणी देने का आरोप है। बता दें कि भारत में भी जाकिर नाइक पर भड़काउ भाषण देने के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है जिसके बाद से वो मलेशिया में भागा फिर रहा है। भारत की तरफ से उसे प्रत्यर्पित करने की कोशिश हो रही है।
बता दें कि जाकिर नाइक ने कहा था कि मलेशिया में रहने वाले हिंदू मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से ज्यादा नरेंद्र मोदी के प्रति वफादार हैं। मानव संसाधन मंत्री एम. कुलसेगरन ने कहा कि जाकिर नाइक को मलेशियाई मामलों की आलोचना या स्थानीय समुदायों में हस्तक्षेप करने का हक नहीं है।
मंत्री ने कहा, 'जाकिर नाइक एक बाहरी आदमी है, एक भगोड़ा है और उसे मलेशियाई इतिहास की बहुत कम जानकारी है, इसलिए, उसे स्थानीय लोगों को नीचा दिखाने जैसा विशेषाधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।'
मंत्री ने कहा कि जाकिर नाइक का बयान किसी भी तरह से मलेशिया के स्थायी निवासी होने का पैमाना नहीं है इसलिए मलेशियाई हिंदुओं पर सवाल उठाने वाले जाकिर नाइक पर एक्शन होना चाहिए।
बता दें कि जुलाई में जाकिर नाइक ने मलेशिया से वापस नहीं भेजे जाने के लिए मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद का शुक्रिया अदा किया था। इससे पहले भारत ने जनवरी में मलेशिया सरकार से जाकिर नाइक को स्वदेश भेजने का औपचारिक अनुरोध किया था तब मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने भी जाकिर नाइक का समर्थन किया था।
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