इस्लामाबाद: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई छह सालों के बाद गुरुवार को अपने मुल्क पाकिस्तान लौटीं है। वर्ष 2012 में लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए तालिबानी आतंकवादियों ने उनके सिर पर गोली मार दी थी। 'जियो' के मुताबिक, 20 वर्षीया मलाला लंदन से बीती रात करीब 1.41 बजे अपने माता-पिता के साथ इस्लामाबाद पहुंची। (अभी भी अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तैयार है रूस )
मलाला प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से मुलाकात कर सकतीं हैं।वर्ष 2014 में मलाला को भारत के बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी के साथ नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
स्वात घाटी की रहने वाली मलाला को प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने गोली मार दी थी जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए पाकिस्तान से बर्मिघम भेज दिया गया था। मलाला ने ठीक होने के बाद लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक आंदोलन की घोषणा की। पिछले साल कनाडा के दौरे पर मलाला को देश की संसद को संबोधित करने का अवसर मिला था।
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