A
Hindi News विदेश एशिया पाकिस्तान यात्रा पूरी कर आज लंदन लौटी मलाला यूसुफजई

पाकिस्तान यात्रा पूरी कर आज लंदन लौटी मलाला यूसुफजई

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई अपनी पाकिस्तान यात्रा पूरी कर आज लंदन लौट गईं। लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने वाली मलाला को वर्ष 2012 में स्वात जिले में तालिबान के आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी।

<p>Malala returns to London today as four-day Pakistan...- India TV Hindi Malala returns to London today as four-day Pakistan trip

इस्लामाबाद: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई अपनी पाकिस्तान यात्रा पूरी कर आज लंदन लौट गईं। लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने वाली मलाला को वर्ष 2012 में स्वात जिले में तालिबान के आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी। इस घटना के करीब छह वर्ष बाद वह पाकिस्तान आईं थी। मलाला (20) 29 मार्च को इस्लामाबाद पहुंची थीं। स्थानीय मीडिया फुटेज में मलाला मुस्कुराती हुई अपने परिवार के साथ इस्लामाबाद हवाईअड्डे पर नजर आ रही हैं, जहां से वह लंदन के लिए उड़ान लेंगी। मलाला का यह चार दिवसीय दौरा बेहद गुप्त रखा गया था और उनके इस्लामाबाद पहुंचने तक कुछ ही लोगों को इसकी जानकारी थी। अपने इस दौर पर उन्होंने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से प्रधानमंत्री कार्यालय में मुलाकात की। वहां उनके सम्मान में एक समारोह आयोजित किया गया था। (OMG: आठ साल पहले मरकर दोबारा जिंदा हुई महिला, 6 बच्चों के साथ आई नजर )

मलाला ने वहां नम आंखों से कहा, ‘‘मैं पिछले पांच साल से पाकिस्तान आने का सपना देख रही थी।’’ उन्होंने स्वात जिले में अपने गृहनगर मिंगोरा का दौरा भी किया। वह हमले से पहले वहीं रहती थीं। वह अपने स्कूल भी गईं। मलाला को वर्ष 2012 में पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियों की शिक्षा का प्रचार करने के दौरान एक आतंकवादी ने गोली मार दी थी। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। घायल मलाला को हेलीकॉप्टर की मदद से पाकिस्तान के एक सैन्य अस्पताल से दूसरे सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे चिकित्सीय कोमा में भेज दिया ताकि उसे एयर एंबुलेंस के माध्यम से इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया जा सके।

मलाला पर हमला करने के बाद तालिबान ने यह कहते हुए एक बयान जारी किया था कि अगर मलाला जीवित बचती है तो वह उस पर दोबारा हमला किया जाएगा। मलाला को लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए साल 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ यह पुरस्कार दिया गया था। अब मलाला 20 साल की हो चुकी हैं। मात्र 17 साल की उम्र में वह नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की पहली व्यक्ति हैं। पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी मलाला पाकिस्तान नहीं लौट पाई थीं। वह ब्रिटेन में रहती हैं और वहां मलाला फंड की स्थापना करके स्थानीय शिक्षा समूहों की मदद करती हैं। इस कोष का फोकस पाकिस्तान, नाइजीरिया, सीरिया और केन्या की लड़कियों की शिक्षा पर है।

वह फिलहाल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही हैं। मलाला ने लड़कियों की शिक्षा के लिए अपना अभियान 11 साल की उम्र में शुरू किया था। उन्होंने वर्ष 2009 में बीबीसी उर्दू सेवा के लिए ब्लॉग लिखना शुरू किया। इसमें वह तालिबान के साये में स्वात घाटी के जीवन के बारे में लिखती थीं, जहां लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध था।

Latest World News