माताराम: इंडोनेशिया का लोमबोक द्वीप की धरती रविवार को एक बार फिर से कांप गई। रविवार को आए इस भूकंप के कारण अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है। गौरतलब है कि अभी इससे पहले आए भूकंप के तीन झटकों में इसी इलाके में 467 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा सैकड़ों लोग घायल हुए थे और करोडों की संपत्तियां नष्ट हो गई थीं। रविवार दोपहर के करीब पहले 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। इस वजह से भूस्खलन हुआ और लोग जान बचाने के लिए भागे। वहीं लोमबोक के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई।
इसके करीब 12 घंटे बाद, 6.9 तीव्रता का ज़लज़ला आया और फिर भूकंप बाद के कई शक्तिशाली झटके महसूस किए गए। लोमबोक द्वीप पर 29 जुलाई और 5 अगस्त को भी भूकंप आया था जिसमें करीब 500 लोगों की मौत हो गई थी। राष्ट्रीय आपदा एजेंसी के मुताबिक, रविवार की शाम में आए शक्तिशाली भूकंप में 10 लोगों की मौत हो गई। ज्यादातर लोगों की मौत मलबे की चपेट में आने से हुई। इनमें 6 लोगों की मौत पड़ोसी द्वीप सुम्बावा में हुई है। एजेंसी ने कहा कि लोमबोक में करीब 2 दर्जन लोग जख्मी हुए हैं और 150 से ज्यादा घर तथा पूजा स्थल क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इस महीने के शुरू में आए ज़लज़ले की वजह से लोमबोक में हजारों घर, मस्जिदें और कारोबारी प्रतिष्ठान तबाह हो गए हैं। राष्ट्रीय आपदा एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुरवा नुगरोहो ने बताया कि रविवार शाम आए भूकंप की चपेट में वो लोग आए हैं जो घर से बाहर थे या आश्रय गृहों में थे। इसलिए हताहतों की संख्या कम है। उन्होंने कहा कि रविवार सुबह आए भूकंप की दहशत की वजह से लोगों ने घरों से बाहर रहना ही मुनासिब समझा। रविवार को आए भूकंप के झटके बाली तक महसूस किए गए थे लेकिन वहां से नुकसान की खबर नहीं है।
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