काठमांडू: मौजूदा संकट को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और एक प्रमुख मधेसी पार्टी के बीच शनिवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। मधेसी पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि 28 जून को होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव से पहले संविधान में संशोधन किया जाए। प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक, देउबा ने राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल आरजेपी-एन के नेताओं को काठमांडू से 10 किलोमीटर दूर बुद्धनीलकंठ स्थित अपने आवास पर मौजूदा संकट को लेकर अनौपचारिक बातचीत के लिए आमंत्रित किया था।
बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने आंदोलनकारी मधेसी नेताओं से सहयोग मांगा ताकि दूसरे चरण के स्थानीय चुनाव सुचारू तरीके से कराए जा सकें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दक्षिणी तराई के लोग भी क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय स्तर के चुनाव चाहते हैं और इससे संविधान लागू कराने में मदद मिलेगी।’ देउबा ने सरकार के इस रुख को भी दोहराया कि दूसरे चरण के चुनाव हो जाने के बाद संविधान संशोधन किया जाएगा ताकि आंदोलनकारी पार्टियों की प्रमुख मांगें पूरी की जा सकें।
बहरहाल, मधेसी पार्टियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि वे दूसरे चरण के चुनाव में तब तक हिस्सा नहीं लेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी करने के लिए संविधान में संशोधन नहीं कर लिया जाता। सरकार ने मधेसियों का गढ़ माने जाने वाले प्रांत-2 में स्थानीय निकाय चुनाव फिलहाल टाल दिए हैं। इस प्रांत में ये चुनाव 18 सितंबर को कराए जाएंगे। चुनावी प्रक्रिया बाधित करने के लिए पहले से घोषित अपने विरोध-प्रदर्शन कार्यक्रमों के तहत आरजेपी-एन तराई क्षेत्र के सभी जिला मुख्यालयों में रैलियां करेगी।
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