नवाज शरीफ के खिलाफ लाहौर उच्च न्यायालय में देशद्रोह की याचिका दर्ज
साल 2008 के मुंबई हमलों को लेकर विवादित बयान देने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) में सोमवार को देशद्रोह की एक याचिका दाखिल की गई है।
इस्लामाबाद: साल 2008 के मुंबई हमलों को लेकर विवादित बयान देने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) में सोमवार को देशद्रोह की एक याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका राजनीतिक दल, पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) के खुर्रम नवाज गंडपुर द्वारा दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि शरीफ का बयान राष्ट्रीय सुरक्षा और राज्य के संस्थाओं के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है, "नवाज शरीफ का बयान देशद्रोह के समान है। उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।" एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रपट के मुताबिक, याचिका में शरीफ के अलावा संघीय गृहमंत्री एहसान इकबाल को भी एक पक्ष के रूप में शामिल किया गया है। (यरुशलम में कड़ी सुरक्षा के बीच अमेरिकी दूतावास के उद्घाटन की तैयारियां शुरू )
पूर्व प्रधानमंत्री ने 12 मई को डॉन के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कबूल किया था कि आतंकवादी संगठन पाकिस्तान में सक्रिय हैं और इस तरह के आतंकवादी हमले (26/11) रोके जा सकते थे। इस हमले में करीब 166 भारतीय व विदेशी नागरिक मारे गए थे। उन्होंने कहा था, "क्या हमें आतंकवादियों को सीमा पार जाने देना चाहिए और उन्हें मुंबई में 150 लोगों को मारने देना चाहिए? इसका मुझे स्पष्टीकरण दें।" उन्होंने साफ तौर पर मुंबई हमले में मारे गए लोगों का संदर्भ देते हुए 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया। इसमें से एक आतंकवादी को पकड़ा गया था और उसे फांसी दी गई थी। उन्होंने कहा था, "हमने खुद को अलग-थलग कर लिया है। तमाम कुर्बानियों के बावजूद हमारी बात को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। अफगानिस्तान के बयान को स्वीकार किया जा रहा है, लेकिन हमारा नहीं। हमें इस पर ध्यान देना चाहिए।"
बाद में शरीफ को अपनी टिप्पणी के लिए विपक्षी पार्टियों की आलोचना का सामना करना पड़ा। इसमें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) भी शामिल रहीं। इन पार्टियों ने शरीफ के खिलाफ मोर्चा खोला और उन्हें 'सुरक्षा के लिए खतरा' बताया। पाकिस्तानी मुस्लिम लीग-नवाज के वरिष्ठ नेता और पूर्व आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान ने शरीफ के बयान का समर्थन नहीं किया। उन्होंने मुंबई हमले के संदिग्धों के मुकदमे में देरी के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद शरीफ के भ्रामक बयान पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समति की बैठक भी बुलाई गई। इसमें सेना के शीर्ष नेतृत्व, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा सहित जॉइंट चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी के चेयरमैन जनरल जुबेर मोहम्मद हयात व इंटर सर्विसिस इंटेलिजेंस के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नवीद मुख्तार ने भाग लिया। इस बैठक का आयोजन प्रधानमंत्री हाउस में किया गया।