बेरूत: लेबनान की राजधानी बेरूत में पिछले सप्ताह हुए धमाके को लेकर प्रधानमंत्री हसन दिआब समेत पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के राष्ट्रपति माइकल आउन ने सरकार का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है। बताया जा रहा है कि कई मंत्रियों के इस्तीफे और कुछ मंत्रियों के पद से हटने की इच्छा जाहिर करने के बाद बने दबाब में यह फैसला किया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री हमाद हसन ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी।
‘समूची सरकार ने इस्तीफा दे दिया है’
धमाके के विरोध में बेरूत में पिछले 2 दिन में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई है। हमाद ने कहा, ‘समूची सरकार ने इस्तीफा दे दिया है।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हसन दियाब राष्ट्रपति भवन में सभी मंत्रियों का इस्तीफा सौंप देंगे। गौरतलब है कि गत 4 अगस्त को हुए विस्फोट में 160 लोगों की मौत हुई थी और लगभग 6 हजार लोग घायल हुए थे। इसके अलावा देश का मुख्य बंदरगाह नष्ट हो गया था और राजधानी के बड़े हिस्से को नुकसान हुआ था। माना जाता है कि भंडार में रखे गए 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट में आग लगने से विस्फोट हुआ।
10-15 अरब डॉलर का भारी नुकसान
बंदरगाह के पास वेयरहाउस में इस 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट को 2013 से ही संग्रहित कर रखा गया था। विस्फोट से 10 अरब डॉलर से लेकर 15 अरब डॉलर के नुकसान की आशंका व्यक्त की गई है और धमाके के बाद करीब 3 लाख लोग बेघर हो गए। इस विस्फोट के बाद पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहे लेबनान में लोगों का गुस्सा भड़क उठा और वे सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। नई सरकार के गठन होने तक मंत्रिमंडल कार्यवाहक भूमिका में अपना काम करेगा।
कई लोगों से की जा रही है पूछताछ
इस बीच, देश के एक जज ने सोमवार को सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों से पूछताछ शुरू की। जज गस्सान एल खोरी ने सुरक्षा प्रमुख मेजर जनरल टोनी सलीबा से पूछताछ शुरू की। इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है और अन्य जनरलों से भी पूछताछ होनी है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार धमाके के सिलसिले में लगभग 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनमें लेबनान के सीमा-शुल्क विभाग का प्रमुख भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 2 पूर्व कैबिनेट मंत्रियों समेत कई लोगों से पूछताछ की गई है।
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