बेरूत: पश्चिमी एशिया के देश लेबनान के एक शहर में मुसलमानों पर एक अजीब तरह का बैन लगाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेबनान के हदात शहर में मुसलमान न तो कोई घर खरीद सकेंगे और न ही किराए पर ले सकेंगे। आपको बता दें कि हदात शहर में अधिकारियों ने कुछ साल पहले आदेश जारी किया था कि केवल ईसाइयों को ही किराए पर लेने या घर खरीदने की अनुमति होगी। ऐसे में जब नए लोग इस शहर में आते हैं तो उन्हें एक झटका लगता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहम्मद अव्वाद और उनकी मंगेतर ने किराए पर मकान लेने के लिए ऑनलाइन माध्यम से संपर्क किया। पेशे से पत्रकार अव्वाद ने मकान मालिक को फोन कर कहा कि वह घर देखना चाहते हैं लेकिन जवाब सुनकर वह स्तब्ध रह गए। उन्हें बताया गया कि मुसलमानों को इस शहर में रहने की इजाजत नहीं है। शिया मुसलमान जोड़े को यह सुनकर विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने नगरपालिका को फोन कर पूछा तो वहां से भी जवाब मिला कि पिछले कई वर्षों से पाबंदी लगी है।
लेबनान में धर्म के आधार पर विभाजन कितना गहरा है हदात इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। लगभग डेढ़ दशक तक चले गृह युद्ध में एक लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। आपको बता दें कि लेबनान की 54 फीसदी आबादी मुस्लिम है और ईसाइयों की संख्या 40.4 प्रतिशत है। 1956 में यहां 54 फीसदी आबादी ईसाइयों की थी और 44 फीसदी लोग मुसलमान थे। लेकिन ईसाइयों के देश छोड़कर जाने और मुसलमानों की उच्च जन्मदर की वजह से हालात पूरी तरह पलट गए।
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