बेरूत: लेबनान के कार्यवाहक विदेश मंत्री शरबिल वेहबी ने खाड़ी के अरब देशों पर इस्लामिक स्टेट समूह के उभार में मदद करने का आरोप लगाने से खड़े हुए विवाद के बाद बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वेहबी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति माइकल ओउन से मुलाकात कर उन्हें पद से मुक्त करने का अनुरोध किया था। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत ने अपनी-अपनी राजधानियों में लेबनान के राजदूतों को तलब कर अल-हुर्रा समाचार चैनल पर इंटरव्यू के दौरान वेहबी द्वारा की गई टिप्पणियों पर विरोध प्रकट किया।
इंटरव्यू के दौरान भड़क गए थे वेहबी
वेहबी ने सोमवार को दिए साक्षात्कार में कथित तौर पर कहा था कि ‘मित्र और बंधु देशों ने सीरिया, इराक और लेबनान में इस्लामिक स्टेट के उभार में मदद की।’ वेहबी से जब पूछा गया कि क्या उनके कहने का अर्थ है कि खाड़ी के देशों ने इस्लामिक स्टेट को वित्तीय मदद पहुंचाई तो उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘तो क्या मैंने वित्तीय मदद पहुंचाई?’ वेहबी के साथ इंटरव्यू दे रहे एक सऊदी टिप्पणीकार ने जब लेबनान के राष्ट्रपति की आलोचना की तो वेहबी नाराज हो गए और इंटरव्यू बीच में छोड़कर चले गए, लेकिन बाद में लौट आए।
2015 में अपने शबाब पर था इस्लामिक स्टेट
वेहबी की इन टिप्पणियों से, पहले से ही तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे लेबनान और उसके पारंपरिक सहयोगी सऊदी अरब के संबंधों में तल्खियां और बढ़ गईं हैं। बता दें कि कुख्यात आतंकी अबु बकर अल-बगदादी की सरपरस्ती में इस्लामिक स्टेट ने 2015 आते-आते इराक और सीरिया के एक बड़े भाग पर अपना कब्जा जमा लिया था। इस कुख्यात आतंकी संगठन ने अपने हमलों के दौरान हजारों निर्दोष नागरिकों का खून बहाया था, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। हालांकि फिलहाल यह संगठन लगभग निष्प्रभावी हो चुका है और इसका प्रभाव सीमित रह गया है।
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