जनता के भारी विरोध के बाद किर्गिज़स्तान में आम चुनाव के नतीजे रद्द
किर्गिज़स्तान के केंद्रीय चुनाव आयोग ने राजधानी बिश्केक और अन्य शहरों में भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद पिछले हफ्ते के अंतिम दिनों में हुए संसदीय चुनाव के नतीजों को मंगलवार को अमान्य करार दे दिया है।
मॉस्को: किर्गिज़स्तान के केंद्रीय चुनाव आयोग ने राजधानी बिश्केक और अन्य शहरों में भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद पिछले हफ्ते के अंतिम दिनों में हुए संसदीय चुनाव के नतीजों को मंगलवार को अमान्य करार दे दिया है। विपक्षी समर्थकों ने बीती रात कई सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया है और नए सिरे से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान हुई झड़प में सैकड़ों लोग घायल हुए जबकि एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है। विभिन्न विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति को अपदस्थ करने और नई सरकार बनाने की घोषणा की थी।
‘तनाव बढ़ने से रोकने के लिए रद्द किए गए चुनाव नतीजे’
चुनाव आयोग की अध्यक्ष नूरजहां शैलदाबेकोवा ने कहा कि चुनाव नतीजों को रद्द करने का फैसला देश में ‘तनाव बढ़ने से रोकने के लिए’ किया गया। उल्लेखनीय है कि रविवार को हुए संसदीय चुनाव के अधिकारियों द्वारा शुरुआती नतीजे घोषित किए जाने के बाद राजधानी बिश्केक और अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन होने लगे थे। मतों की खरीद-फरोख्त और अन्य उल्लंघन की खबरों के बीच शासक अभिजात्य वर्ग से जुड़ीं 2 पार्टियों को नतीजों में बहुमत मिलता दिख रहा था। इसके मद्देनजर करीब एक दर्जन विपक्षी पार्टियों के समर्थक मतों को रद्द करने और नए चुनाव की मांग को लेकर सोमवार को सड़कों पर उतर आए।
प्रदर्शनों में करीब 590 लोग घायल, एक शख्स की मौत
इंटरफैक्स समाचार एजेंसी के मुताबिक, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें, आंसू गैस के गोले और तेज आवाज करने वाले ग्रेनेड छोड़े। किर्गिज़स्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प में करीब 590 लोग घायल हुए हैं और एक व्यक्ति की मौत हुई है। एजेंसी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक काबू करने की कोशिश नाकाम हुई और प्रदर्शनकारी सरकारी इमारतों के परिसर में घुस गए जहां संसद भवन और राजष्ट्रपति कार्यालय है। विपक्ष के समर्थकों ने बिश्केक के सिटी हॉल पर भी कब्जा कर लिया।
प्रदर्शनकारियों की मांग के बाद जेल से रिहा किए गए पूर्व राष्ट्रपति
प्रदर्शनकारियों का एक समूह किर्गिज़स्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के पास पहुंचा और पूर्व राष्ट्रपति अल्माजबेक अत्माबेयेव को मुक्त करने की मांग की कि जिन्हें इस साल भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया गया था और 11 साल दो महीने कैद की सजा सुनाई गई थी। प्रदर्शकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के बाद पूर्व राष्ट्रपति को रिहा कर दिया गया। विपक्षी पार्टियों के कई सदस्यों ने मौजूदा राष्ट्रपति सूरॉनबाई जीनबेकोव को अपदस्थ करने और नयी सरकार बनाने की घोषणा की। चोन कज़ात पार्टी के सदस्य मकसात ममीत्कानोव ने कहा, ‘हम राष्ट्रपति सूरॉनबाई जीनबेकोव को उनके पद से बर्खास्तगी चाहते हैं।’
देश के कई नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से की शांति की अपील
मकसात ममीत्कानोव ने कहा कि विपक्षी पार्टियां नया संविधान भी लागू करना चाहती हैं। वहीं, अता मेकेन विपक्षी पार्टी के ज़हनर अकयेव ने कहा, ‘नया प्रधानमंत्री और जनता की सरकार को नियुक्त करने की जरूरत हैं और लोकप्रिय चुनाव कराने की जरूरत है।’ जीनबेकोव ने मंगलवार को विपक्षी पार्टियों के नेताओं से आह्वान किया कि वे अपने समर्थकों को शांत कराएं और सड़कों से वापस जाने के लिए कहें। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी (राजनीतिक) ताकतों से आह्वान करता हूं कि वे राजनीतिक महत्वकांक्षा से ऊपर देश को रखें और कानून की सीमा में रहकर काम करें।’ जीनबेकोव ने मंगलवार को यह भी आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक ताकतें गैर कानूनी तरीके से देश की सत्ता पर कब्जा करना चाहती हैं। (भाषा)