नई दिल्ली: शुक्रवार से शुरू होने वाले ऐतिहासिक अंतर कोरियाई सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन के साथ उनकी बहन किम यो-जोंग भी उनके प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगी। किम जोंग दोनों कोरियाई देशों को विभाजित करने वाले सीमावर्ती पनमुंजोम गांव के बीच मौजूद ब्लू पवैलियन्स के बीच से एक तंग गलियारे से होते हुए एमडीएल को पार करेंगे। इसके बाद दोनों नेताओं को सम्मेलन स्थल पीस हाउस की ओर जाते समय ऑनर गार्ड दिए जाएंगे। यह पहला ऐसा सम्मलेन है जिसमें उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के दोनों ही नेता एक दूसरे के आमने-सामने होंगे। (खुला राज, तो इस कारण किम जोंग उन ने किया परमाणु परीक्षण ना करने का ऐलान )
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, किम जोंग उन 1950-53 के कोरियाई युद्ध की समाप्ति के बाद से दक्षिण कोरिया की धरती पर कदम रखने वाले पहले उत्तर कोरियाई शासक होंगे। सियोल सरकार का कहना है कि स्वागत समारोह और औपचारिक वार्ता के बाद सम्मेलन का पहला दौर सुबह 10.30 बजे शुरू होगा। उत्तर कोरिया की ओर से नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में देश के ऑनरेरी अध्यक्ष किम योंग नैम, विदेश मंत्री री योंग हो और किम की बहन किम यो जोंग भी हैं। किम यो जोंग उत्तर कोरिया की वर्कर्स पार्टी के प्रोपेगैंडा एंड एजिटेशन डिपार्टमेंट की निदेशक हैं। किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया में शीतकालीन ओलम्पिक खेलों के दौरान सियोल का ऐतिहासिक दौरा भी किया था।
सम्मेलन के सुबह के सत्र के बाद दोनों पक्ष एक सांकेतिक समारोह में साथ मिलकर पौधारोपण करने से पहले अलग-अलग दोपहर का भोजन करेंगे। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच संक्षिप्त और अनौपचारिक वार्ता भी होगी। सियोल के एक प्रवक्ता के मुताबिक, इस बैठक के अंत में मून और किम जोंग उन एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे और एक ऐलान करेंगे। मून के कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, शाम 6.30 बजे एक भोज का आयोजन किया जाएगा, जिसमें किम जोंग उन की पत्नी री सोल जू के भी हिस्सा लेने की उम्मीद है। इसके बाद विदाई समारोह के साथ सम्मेलन खत्म होगा।
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