इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक अदालत ने फेसबुक पोस्ट में ईशनिंदा के लिए एक प्रोफेसर को शनिवार को मौत की सजा सुनाई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब प्रांत के मुल्तान शहर में बहाउद्दीन जकरिया यूनिवर्सिटी (Bahauddin Zakariya University) के अंग्रेजी साहित्य विभाग में गेस्ट लेक्चरर जुनैद हफीज के खिलाफ पुलिस ने 13 मार्च 2013 को ईशनिंदा के आरोप में मामला दर्ज किया था। मामले की सुनवाई 2014 में शुरू हुई और हफीज को मुल्तान में नई सेंट्रल जेल के अति-सुरक्षित वॉर्ड में रखा गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश काशिफ कय्यूम ने पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी के तहत हफीज को मौत की सजा सुनाई और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। हफीज के वकील राशिद रहमान की 2014 में उनके कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आपको बता दें कि इस मामले पर पाकिस्तान में काफी बवाल हुआ और अब फैसला आने के बाद कई बुद्धिजीवियों ने इसकी निंदा की है। आपको बता दें कि इस मामले को लेकर अनावश्यक देरी का आरोप है और इसे देख रहे कई जजों का ट्रांसफर हो गया।
ईशनिन्दा पाकिस्तान में एक बेहद ही संवेदनशील विषय है, जहां कुरान या पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने पर आजीवन कारावास या मौत की सजा हो सकती है। इसके अलावा ईशनिंदा के आरोपों के बाद कई बार भीड़ भी आरोपी को निशाना बनाकर हमले करती रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1990 के बाद से ईशनिंदा के आरोपों में कम से कम 75 लोग मारे गए हैं। मरने वालों में ईशनिंदा के आरोपी, अदालत से बरी हुए लोग, उनके वकील, परिवार के सदस्य और उनके मामलों से जुड़े जज शामिल हैं।
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