बीजिंग: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का आज बचाव करते हुए कहा कि इसे लेकर चीन का ‘ कोई भू - राजनैतिक आकलन ’ नहीं है और यह परियोजना पूरी दुनिया को फायदा पहुंचाएगी। इसे जिनपिंग की सबसे पसंदीदा परियोजना माना जाता है , लेकिन यह भारत - चीन संबंधों में एक बड़ी बाधा बन गई है। इससे पहले 50 अरब डॉलर के चीन - पाकिस्तान आर्थिक गलियारे ( सीपीईसी ) को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद बना हुआ है। चीन के बोआओ शहर में बोआओ फोरम फॉर एशिया ( बीएफए ) को संबोधित करते हुए जिनपिंग ने कहा कि बीआरआई चीन का विचार हो सकता है लेकिन इससे पैदा होने वाले अवसर और इसके परिणामों का फायदा विश्व को होगा। (ब्रिटेन के शाही परिवार में शादी, नहीं दिया जाएगा ट्रंप, ओबामा और टेरेसा में को न्यौता )
उन्होंने कहा , ‘‘ चीन का ( इसे लेकर ) कोई भू - राजनैतिक आकलन नहीं है। वह कोई प्रतिरोधी बाधा नहीं बना रहा है और न ही अन्य पर कोई कारोबारी समझौता थोप रहा है। ’’ जिनपिंग ने यह बात उन अटकलों पर स्पष्टीकरण देते हुए कही जिनके बारे में कहा जा रहा है कि चीन बीआरआई के तहत बंदरगाह , सड़क और रेल संपर्क परियोजनाओं पर अरबों डॉलर इसलिए निवेश कर रहा है कि चीन के प्रभाव को बढ़ाया जा सके।
बीआरआई का लक्ष्य एशियाई देशों , अफ्रीका , चीन और यूरोप के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करना है। भारत ने सीपीईसी के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से इसके गुजरने पर एतराज जताया है और इसी के चलते उसने पिछले साल चीन द्वारा आयोजित बेल्ड एंड रोड फोरम का बहिष्कार किया था। बीएफए की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी शामिल हुए।
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