बीजिंग: रबर स्टांप मानी जाने वाली चीनी विधायिका राष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल की सीमा को समाप्त करते हुए नए संवैधानिक बदलावों को मंजूरी प्रदान कर देगी। इसके साथ ही शी जिनपिंग के लिए आजीवन देश का नेता बने रहने का रास्ता साफ हो जाएगा। (UN: पाकिस्तान ने उठाया कश्मीर मुद्दा, भारत की मिनी देवी ने दिया करारा जवाब )
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना( सीपीसी) द्वारा प्रस्तावित संविधान संशोधन को कल संसद से मंजूरी मिलना लगभग तय ही है। पार्टी के प्रस्तावों को समर्थन करते रहने के कारण करीब तीन हजार सदस्यों वाली संसद‘‘ नेशनल पीपुल्स कांग्रेस’’ को अक्सर रबर स्टांप संसद कहा जाता है। संसद के सालाना सत्र के पहले सीपीसी ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल की सीमा को हटाने का प्रस्ताव किया है।
तानाशाही की नौबत को टालने तथा एकल दल वाले देश में सामूहिक नेतृत्व सुनिश्चित करने के लिए चीन में करीब दो दशक से दो कार्यकाल के नियम का पालन किया जाता रहा है। संवैधानिक बदलाव के साथ ही 64 वर्षीय शी का आजीवन चीनी राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा। अभी उनका दूसरा कार्यकाल चल रहा है जो 2023 में समाप्त होगा।
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