तोक्यो: कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कम होने के बाद अपने पहले सालाना रक्षा निरीक्षण में जापान ने आज उत्तर कोरिया के बारे में कहा कि वह अब भी ‘‘ गंभीर और आसन्न’’ खतरा बना हुआ है। जापान के 2018 के रक्षा श्वेत पत्र में सैन्य ताकत के तौर पर चीन के उभरने पर भी निशाना साधा गया और कहा गया कि बीजिंग क्षेत्र में और जापान समेत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में ‘‘ सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं’’ पैदा कर रहा है। (फेसबुक ने म्यांमार के सेना प्रमुख समेत 20 लोगों को किया ब्लॉक )
पिछले वर्ष का रक्षा निरीक्षण तब सामने आया था जब उत्तर कोरिया के साथ तनाव चरम पर था क्योंकि उसने परमाणु और मिसाइल परीक्षण किए थे जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उसे नतीजे भुगतने की धमकी दी थी। लेकिन उसके बाद से परिस्थितियां बदली हैं। गत 12 जून को सिंगापुर में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और ट्रंप के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता हुई थी। इसके बावजूद मंगलवार को तोक्यो ने कहा,‘‘ उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों और मिसाइल को लेकर जो खतरा है उसे लेकर हमारी चिंता जरा भी कम नहीं हुई है। प्योंगयांग अब भी जापान की सुरक्षा को लेकर अभूतपूर्व ढंग से गंभीर और आसन्न खतरा बना हुआ है। वह क्षेत्र तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है।’’
जापान के रक्षा मंत्री इत्युनोरी ओनोदेरा ने इस दस्तावेज में यह माना कि उत्तर कोरिया ने पूर्व शत्रु अमेरिका तथा दक्षिण कोरिया से बातचीत तो शुरू की है लेकिन यह भी कहा कि ‘‘ हम आज भी इस तथ्य को नजरंदाज नहीं कर सकते कि उसके पास अब भी ऐसी सैकड़ों मिसाइल हैं, जो तैनात की हुई हैं और जिनकी जद में लगभग पूरा जापान आता है।’’
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