तोक्यो: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रक्षा कवायदों को मजबूत करने का संकल्प जताते हुए कहा है कि उनके देश को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उत्तर कोरिया से सबसे ज्यादा खतरे का सामना करना पड़ रहा है। संसद में आज अपनी नीतियों पर संबोधन में प्राथमिकताएं गिनाते हुए आबे ने उत्तर कोरिया की ओर से छठी बार परमाणु परीक्षण और उसके द्वारा प्रक्षेपित दो मिसाइलों के जापान के ऊपर से गुजरने को ‘‘राष्ट्रीय संकट’’ बताया। (मुगाबे ने इस्तीफा देने से किया इंकार, जनरलों से की मुलाकात)
आबे ने कहा कि प्योंगयांग की ओर से ‘भड़काने’ के बीच किसी भी आपात स्थिति से मुकाबले के लिए जापान-अमेरिका संबंध के तहत जापान ‘‘ठोस कार्रवाई’’ करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने लोगों की हिफाजत और शांति के लिए मिसाइल रक्षा क्षमता सहित जापान की रक्षा ताकत को मजबूत करेंगे।’’आबे ने उत्तर कोरिया को अपनी नीतियां बदलने के लिए समझाने की खातिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और दबाव बनाने का आह्वान किया है। जापान में रक्षा पर खर्च धीरे-धीरे बढ़ा है लेकिन वर्ष 2012 में आबे के कार्यभार संभालने के बाद से इसमें और तेजी आयी है।
तोक्यो में पिछले सप्ताह अपने दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आबे से और अधिक अमेरिकी हथियार खरीदने का अनुरोध किया ताकि उत्तर कोरिया की मिसाइलों को मार गिराया जाए। हालांकि, इससे यह भी सवाल उठा कि क्या वह इसके कारोबार पक्ष में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं। जापान में अमेरिकी दूत विलियम हेगर्टे ने जोर दिया कि ट्रंप का प्राथमिक फोकस सुरक्षा पर है , कारोबार पर नहीं।
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