तोक्यो: जापान की राजधानी तोक्यो के सबवे में जानलेवा सरीन गैस हमले के दोषी डूम्सडे पंथ के नेता शोको असहारा और उसके छह समर्थकों को शुक्रवार को फांसी पर लटका दिया गया। शोको अमु शिनरीक्यिो संप्रदाय से था और 1995 में उसने इस घटना को अंजाम दिया था जिसमें 13 लोग मारे गए थे और हजारों की संख्या में लोग इससे प्रभावित हुए थे। उसे मौत की सजा सुनाई गई थी।
6 सदस्यों की मौत की सजा तामील होनी बाकी
न्याय मंत्रालय के एक अधिकारी ने एएफपी से कहा, ‘‘सात अमु सदस्यों को मृत्युदंड दिया गया जिसमें शोको असहारा भी शामिल है।’’ नर्व एजेंट हमला मामले में फांसी की यह पहली सजा दी गई है अभी इस मामलें के छह और सदस्यों को मौत की सजा तामील होनी बाकी है।
लोगों ने किया दोषियों की फांसी का स्वागत
1995 में हुए भीषण हमले से प्रभावित लोगों ने दोषियों को फांसी दिए जाने की खबर का स्वागत किया। शोको दृष्टि हीन है और 1980 में उसने डूम्सडे पंथ की स्थापना की। उसकी छवि ऐसे करिश्माई नेता की थी जिससे प्रभावित हो कर शिक्षित लोग यहां तक कि डॉक्टर और वैज्ञानिक तक उसके पंथ में शामिल हो गए थे। हालांकि इस पंथ को लेकर हमेशा से ही देश में शंका थी लेकिन इस हमले के बाद पंथ के मुख्यालय पर कड़ी कार्रवाई हुई और शोको तथा इसके समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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