यरूशलम: बहुत संभव है कि आनेवाले दिनों में इजरायल में मस्जिदों की अजान न सुनाई दे। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज को कम करने से जुड़े एक बिल को मंजूरी दी। इस बिल के मुताबिक मस्जिदों के लाउडस्पीकर की आवाज को सीमित रखने की बात कही गई है क्योंकि इसकी तेज आवाज से 'शोर-शराबा' होता था।
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खबरों के मुताबिक, इस कदम पर यह भी दलील दी गई कि कुछ यूरोपियन और यहां तक की मुस्लिम देशों में भी इसी तरह की पाबंदियां लागू हैं। रविवार को हुई कैबिनेट की बैठक में नेतन्याहू ने इस बिल के ड्राफ्ट पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह इस बिल का पूरी तरह समर्थन करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, नेतन्याहू ने कहा, 'मुझे यह याद नहीं है कि कितनी बार, लेकिन इजरायल के नागरिकों ने मुझसे कई दफा प्रार्थनास्थलों में होने वाले शोर-शराबे से हो रही दिक्कतों की शिकायत की है।'
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इसरायल की एक मस्जिद की तस्वीर। (AP फोटो)
वैसे तो इस ड्राफ्ट बिल में सभी धर्मों के पूजास्थलों का जिक्र किया गया है और किसी खास धर्म के पूजास्थल के बारे में नहीं है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यह एक विशेष समुदाय के धार्मिक स्थल को लेकर ही तैयार किया गया है। गौरतलब है कि इजरायल की जनसंख्या में 17.5 प्रतिशत की आबादी अरबों की है। इजरायल का मुस्लिम समाज अक्सर ही बहुसंख्यक यहूदियों पर भेदभाव का आरोप लगाता रहा है।
इस बिल का इजरायल में डेमोक्रेसी इंस्टिट्यूट नाम की संस्था विरोध भी कर रही है और कह रही है कि इस बिल का मकसद शोर-शराबे से बचाना नहीं बल्कि अरब और यहूदियों के बीच के फर्क को बढ़ाना है।
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