यरुशलम: वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमले में अपने माता-पिता को खो चुके इजराइली बालक मोशे होल्ट्जबर्ग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पाकर भावुक हो उठा। पत्र में मोदी ने किशोर की कहानी को चमत्कार के समान बताया जो लगातार हर किसी को प्रेरणा देती है। प्रधानमंत्री ने यह पत्र मोशे के ‘बार मित्जवाह’ समारोह पर भेजा है, जो रविवार को आयोजित हुआ।
मोदी ने मोशे को भेजे पत्र में लिखा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण बदलाव का क्षण है और आपकी जीवन यात्रा में एक अहम पड़ाव है। सैंड्रा का साहस और भारत के लोगों की दुआएं आपको लंबी उम्र, स्वस्थ एवं सफल जीवन का आशीर्वाद देती रहेंगी। आपकी कहानी हर किसी को प्रेरित करती रहेगी। यह एक चमत्कार है और उम्मीद करता हूं कि इस त्रासदी से हुई अपूरणीय क्षति से आप उबरेंगे।’’
यहूदी बच्चों के 13 साल की उम्र का होने पर बार मित्जवाह आयोजित किया जाता है। कुछ यहूदी विद्वान इसकी तुलना हिंदुओं में होने वाले उपनयन (यज्ञोपवीत संस्कार) से करते हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 28 नवंबर को मोशे 13 साल का हो गया।
मोशे के दादा रब्बी शिमॉन रोजेनबर्ग ने कहा, ‘‘मोदी (प्रधानमंत्री) के पत्र ने मोशे के दिल को छू लिया। भारत जैसे बड़े देश के नेता अगर इस तरह का भावपूर्ण पत्र भेजते हैं तो यह मोशे को बहुत मजबूती देने वाला है। कार्यक्रम में भारतीय राजदूत को अपनी पूरी टीम के साथ देख वह बहुत खुश हुआ।’’
भारत के इतिहास में सबसे भीषण आतंकवादी हमलों में शुमार 26 नवंबर, 2008 के मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। आतंकवादियों ने नरीमन हाउस (चाबाड हाउस) को भी निशाना बनाया था जहां मोशे के माता-पिता रब्बी गैब्रिएल और रिवका होल्ट्जबर्ग समेत छह यहूदी मारे गए थे।
मुंबई हमले के दौरान अपने मृत माता-पिता के शव के पास खड़े होकर रोते-बिलखते मोशे को उसकी नैनी सैंड्रा सैमुएल्स ने बचाया था। नन्हे मोशे को अपने सीने से चिपकाए सैंड्रा की इस तस्वीर ने दुनियाभर में लाखों लोगों के दिलों को छुआ था।
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